एक साल के रिपोर्ट कार्ड में जनता ने विधायकों को दिए कम नंबर

बरेली (जेएनएन)। विधान सभा चुनाव में जिले की जनता ने भाजपा को भरपूर वोट दिए। इस कदर कि इतिहास बन

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Mar 2018 10:18 AM (IST) Updated:Sat, 31 Mar 2018 01:30 PM (IST)
एक साल के रिपोर्ट कार्ड में जनता ने विधायकों को दिए कम नंबर
एक साल के रिपोर्ट कार्ड में जनता ने विधायकों को दिए कम नंबर

बरेली (जेएनएन)। विधान सभा चुनाव में जिले की जनता ने भाजपा को भरपूर वोट दिए। इस कदर कि इतिहास बन गया। नौ के नौ विधायक चुनकर सदन में भेजे। पार्टी ने भी यहां के वोटर का पूरा सम्मान किया। दो वरिष्ठ नेताओं को कैबिनेट स्तर का मंत्री बनाया। राजेश अग्रवाल और धर्मपाल सिंह प्रमुख ओहदे संभाल रहे हैं। हालांकि, बात जिले में जीते हुए सभी विधायकों की करें तो साल भीतर वे कुछ ऐसा नहीं दे पाए जिसकी उम्मीद में जनता मेहरबान हुई थी। हांलाकि, अभी चार साल बाकी हैं और बहुत कुछ होना है। वैसे, विकास के प्लान में कोई कसर नहीं रही। कई वादे हुए। शहर को सुंदर बनाने का खाका भी वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने खींचा, कई पुल, सड़क बनाने का रोडमैप रखा। पुरानी जेल की जमीन पर बड़ा पार्क विकसित करने की बात खूब चली मगर, फिलहाल सबकुछ फाइलों में है। हां, इस बीच विकास के जो भी दावे विधायकों के रहे हों लेकिन, इसबीच पार्टी के कुछ विधायक विवादों में भी फंसे रहे। कई मौकों पर पार्टी की किरकिरी भी हुई। सत्ता में होने के बावजूद स्थानीय चुनावों में विपक्ष से मात मिली। भाजपा जिलाध्यक्ष रविंद्र सिंह राठौर का लापता प्रकरण हो या फिर निकाय चुनाव में नवाबगंज हारना। जिला पंचायत की सत्ता पर कब्जे की असफल कोशिश हो या बिथरी ब्लॉक प्रमुख चुनाव में शिकस्त..। यही नहीं, कुछ पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के व्यवहार पर भी सवाल खड़े हुए। जिला अस्पताल में हंगामे का मामला हो या विधायक के भतीजे की गुंडई का उछलना..। एक नजर, विधायकों के रिपोर्ट कार्ड पर..।

कैंट विधानसभा : योगी सरकार में सबसे ज्यादा निगाहें कैंट विस विधायक एवं वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल पर ही थीं। खजाने की चाबी होने के चलते वित्तमंत्री ने अपने क्षेत्र के अलावा जिले के लिए पिटारा खोला जरूर, मगर उसका फल मिलना बाकी है। सालों से लटके पुलों में से श्यामगंज तो समय पर पूरा हो गया लेकिन, लाल फाटक और आइवीआरआइ पुल का निर्माण पूरा होने का इंतजार अभी बाकी है। चौपुला पुल को वाई शेप का इंतजार है। सेटेलाइट पर पुल का प्रस्ताव अभी तैयार नहीं हो पाया है। हां, उपलब्धि के नाम पर वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने लखनऊ में सफल इन्वेस्टर्स मीट कराई है। जिले पर 1800 करोड़ रुपये के इन्वेस्ट का रास्ता साफ हुआ। काम कब शुरू होगा, इसका इंतजार है।

शहर विधानसभा : शहर विधायक डॉ.अरुण कुमार इलाकावासियों की मूलभूत समस्याओं को दूर करने में सफल रहे लेकिन, अतिक्रमण हटाने जैसे बड़े फैसलों में नगर निगम महापौर डॉ.उमेश गौतम ने बाजी मारी। जबकि निजी तौर पर भतीजे की सरेआम गुंडई उन्हें असहज स्थिति में लाई। इसके बीच शहर विधायक कहते हैं कि उन्होंने विधवा, गरीब लोगों की पेंशन बंधवाई। बिजली के कनेक्शन भी दिलवाए। 50 से ज्यादा गरीबों के इलाज और मदद के लिए प्रति व्यक्ति पचास हजार रुपये से पांच लाख रुपये तक सरकारी मदद दिलवाई है। खुद मानते हैं कि स्थानीय लोगों को रोजगार दिलवाने में इस साल वह कामयाब नहीं रहे। नई इंडस्ट्री लगवाकर इसकी कोशिश की जा रही है। इसके अलावा अंडरग्राउंड बिजली के तारों को भी अभी तक शुरू नहीं कराया जा सका, जिन्हें अब जल्द शुरू कराने के लिए बिजली महकमे के अधिकारियों से बात करेंगे। आइवीआरआइ पुल भी इसी साल शुरू करवाने का प्रयास होगा।

फरीदपुर विधानसभा : विधायक प्रोफेसर श्याम बिहारी लाल एक साल में कई बड़े दावे करते हैं। कहते हैं, गेहूं और धान क्रय केंद्र सही तरीके से चले। इसी वजह से खरीद का लक्ष्य शत-प्रतिशत रहा। फरीदपुर के लिए अंधरपुरा में 250 केवीए का पावर स्टेशन स्वीकृत किया गया जोकि जल्द बनकर तैयार हो जाएगा। ग्राम खल्लपुर से तहसील दातागंज के ग्राम मुड़हा तक पुल बनाया जा रहा है। एक पुल कैलाश नदी पर मिर्जापुर से सिमरा के शो पर तक बनाने का प्रस्ताव पास हो गया है।

हालांकि शिक्षा, परिवहन के मामले में अभी कसर बाकी है। रोडवेज बस स्टैंड बनाने का प्रस्ताव कागजों में दौड़ता रहा, काम शुरू नहीं हो सका। डिग्री कॉलेज को कृषि की मान्यता के लिए लंबे अर्से से मांग उठ रही मगर इस बाबत कोई बड़े प्रयास नहीं हो सके। सरकार के शुरूआती दिनों में 16-18 घंटे बिजली सप्लाई होती थी। अब बमुश्किल 15 घंटे सप्लाई मिल पा रही।

बिथरी चैनपुर विधान सभा : बिथरी चैनपुर के विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल। विकास से ज्यादा विवादों में घिरे रहे। जिला पंचायत चुनाव में तख्ता पलटने की कवायद से आखिरी दिन पीछे हटना, कई मंचों पर अपनी ही पार्टी के एक मंत्री की मुखालफत, बिथरी ब्लॉक प्रमुख में करारी हार। इसके अलावा श्यामगंज पुल के उद्घाटन पर भी फुटेज लेने के बाद उन्हें पीछे हटना पड़ा। हालांकि, लोगों का कहना है कि प्रयास किए जा रहे हैं। जनता की सुनी जा रही है। वहीं, विकास के बाबत विधायक से बात की कोशिश की तो वे उपलब्ध नहीं हो सके।

आवला विधान सभा : विधायक और योगी सरकार में सिंचाई मंत्री हैं धर्मपाल सिंह। मंत्री बनने के साथ ही क्षेत्र की जनता की अपेक्षाएं भी हैं। उनके गांव जाने वाला रम्पुरा-सिरौली मार्ग पर बेहद जर्जर है। वह दावा करते हैं कि रोड को राज्य मार्ग घोषित करा काम शुरू करवाया गया है। विधान सभा क्षेत्र में 16 राजकीय नलकूप, 15 शवदाह गृहों का निर्माण, 100 इंडिया मार्का, नल आदि योजनाओं पर कार्य हो रहा है। क्षेत्र की अरिल नदी में पानी लाने का प्रयास शुरू हो चुका है। क्षेत्र में 57 ऐसी सड़कें स्वीकृत हुई हैं, जो गावों को गावों से जोड़ेगीं। मंत्री के दावे से इतर दीगर बात है कि अरिल नदी पर एक दिन ही फावड़ा चला। उसके बाद से काम ठप है। क्षेत्र में बेरोजगारी बड़ी समस्या है, जिसके निदान का कोई रोडमैप दिखना बाकी है।

नवाबगंज विधानसभा : बसपा छोड़कर भाजपा टिकट पर केसर सिंह विधायक बने। क्षेत्र में समस्याओं का अंबार लगा है। सड़कों की हालत से लेकर रोजगार की स्थिति, अपराध आदि बड़ी दिक्कतें भी तक बनी हुई हैं। नवाबगंज में नगर पालिका में पार्टी की हार बड़ा सवाल सालभर में बनी मगर केसर सिंह के अपने दावे हैं। उनका कहना है-क्षेत्र में चीनी मिल में घटतौली और दलालों का बोलबाला था, जिससे किसानों को मुक्त कराया। क्षेत्र के पांच उच्चतर प्राथमिक विद्यालयो को मॉडल स्कूल में बदलवाया। कई साल से उबड़ खाबड़ सड़कों का निर्माण करा रहे हैं। हाफिजगंज गाव में 20 केवी का विद्युत सब स्टेशन बनवाया।

मीरगंज विधानसभा : मीरगंज इलाके में बाढ़ की स्थिति अक्सर बन जाती है। इसके अलावा क्षेत्र में सड़कों की हालत भी अच्छी नहीं है। रोजगार के अवसर नहीं है। आवला तहसील को मीरगंज से जोड़ने वाली रामगंगा नदी पर दोनों पुलों का निर्माण कार्य पांच साल से रुका है। टैक्सटाइल पार्क पर अपना दावा कर रहे हैं, मगर यह केंद्र की योजना है। उस पर भी काम का अता-पता नहीं है। इस मामले में विधायक डॉ. डीसी वर्मा कहते हैं कि गोरा घाट के अधूरे पुल निर्माण के लिए करीब 44 लाख धनराशि मंजूर कराई है। कैलाश मंडी अधूरे पुल के लिए भी धनराशि मंजूर हो चुकी है। फतेहगंज से शाही-बहेड़ी रोड के चौड़ीकरण हेतु 78 करोड़ रुपये मंजूर कराए, इसमें से 35 करोड़ निर्माण एजेंसी को मिल भी चुके हैं। सड़क चौड़ीकरण काम चल रहा है। शीशगढ़ के पास धकिया डैम पुलिया बन चुकी है। सिरौली मार्ग पर निर्माण और चौड़ीकरण चल रहा है। वहा जिला पंचायत निधि से 60 लाख में रोड बनना है। मीरगंज में मुंसिफ कोर्ट जल्द बनेगा।

बहेड़ी विधानसभा :

लोगों ने माना कि सड़कों के निर्माण में तेजी आई है मगर बिजली आपूर्ति की स्थिति बदतर है। विधायक का दावा है कि सालों से जर्जर मुड़िया नबी बख्श रोड का निर्माण, गन्ना समिति से 49 ¨लक सड़कों का काम, मंडी समिति की 14 सड़कों पर काम शुरू करवाया। बंजरिया के जर्जर रोड पर काम शुरू होने वाला है। बंद पड़ी कताई मिल को दोबारा शुरू करवाने की कोशिश में है। शीशगढ़ मार्ग तथा शेरगढ़ मार्ग की हालत सुधारने की योजना पास करवाई। गन्ना किसानों का केसर मिल पर करीब 52 करोड़ रुपये बकाया दिलवाया।

भोजीपुरा विधान सभा :

लंबे वक्त के बाद भोजीपुरा भाजपा के कब्जे में आई। बावजूद हालात साल में उतने नहीं बदले, जिसकी कल्पना थी। सड़कों से लेकर बिजली का हाल वही है। हालांकि, विधायक बहोरन लाल मौर्य का कहना है कि पिछले एक साल में ही करीब 100 किलोमीटर सड़कों का जाल इलाके में फैला है। चीनी मिल से भी सैकड़ों किसानों का करीब पांच करोड़ रुपये छुड़वाया। रकम सप्ताह भर में किसानों के खातों में भी पहुंच जाएगी। इसके अलावा अब प्रयास चीनी मिल में पिराई क्षमता 25 हजार कुंतल से बढ़ाकर दोगुनी करने की है। वहीं मिल में बिस्लरी प्लांट लगाने और शेरगढ़ में राजकीय डिग्री कॉलेज की भी मांग योगी दरबार तक पहुंचाई है। इसके अलावा आधा दर्जन से ज्यादा पुल भी भोजीपुरा विधानसभा में बनाए जाएंगे।

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