Lockdown-2 RSS Activity : बरेली में लगी दो हजार से अधिक कुटुंब शाखाएं, बरकरार रहा फिजिकल डिस्टेंस के साथ अनुशासन Bareilly News
ऐसा पहली बार हुआ जब स्वयंसेवकों ने एक बार में एक ही समय पर शाखा लगायी। जिले में रविवार को 2000 से अधिक कुटुंब शाखाएं लगी।
बरेली, जेएनएन : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के इतिहास में पहली बार रविवार को देश भर में एक साथ घरों में कुटुंब शाखा लगा संघ प्रार्थना की गई। ऐसा पहली बार हुआ जब स्वयंसेवकों ने एक बार में एक ही समय पर शाखा लगायी। जिले में रविवार को 2000 से अधिक कुटुंब शाखाएं लगी। जबकि पूरे जनपद के पार्को और मैदानों में लगभग 150 शाखाएं ही लगती थी। लॉकडाउन के बाद कुछ दिन शाखाएं नहीं लग सकी।
आपातकाल के बाद यह पहला मौका था कि शाखाएं नहीं लगी। क्योंकि लॉकडाउन बढ़ा इसलिए संघ ने इन शाखाओं को पार्को के स्थान पर कुटुंब शाखा के रुप में घरों में भेज दिया। कुटुंब शाखा का आयोजन पिछले दो सप्ताह से किया जा रहा था। संघ के आह्वान पर इसे एक निश्चित समय पर रविवार को किया गया। जहां प्रत्येक परिवार ने शारीरिक दूरी को ध्यान में रखते हुए इसे किया।
वैसे तो संघ की शाखाएं मैदान में लगती हैं। इनमें सूर्य नमस्कार, योग, व्यायाम के नियमित अभ्यास के साथ ही प्रार्थना भी होती है। जनपद में एक समय पर घर की छतों पर कुटुंब शाखा का आयोजन किए जाने से एक अलग ही दृश्य देखने को मिला। शाखा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि मूल लक्ष्य को छोड़कर समय, काल और परिस्थिति के अनुसार संघ बदलावों को अपनाता रहा है। यही वजह है कि 95 वर्षो बाद भी संघ विश्व का सबसे बड़ा संगठन बना हुआ है।
रविवार को हुई कुटुंब शाखा में शारीरिक दूरी का पालन कराया गया। संघ प्रार्थना में कोरोना महामारी से पूरी दुनिया के जल्द मुक्त होने की कामना की। शहर और देहात तक स्वयं सेवकों ने इस प्रार्थना में भाग लिया। मीरगंज खंड के खंड संघ चालक डा. रोहिताश कुमार गंगवार ने बताया कि मीरगंज खंड में 523 परिवार शामिल हुए। जिसमें 3457 लोग जिसमें 1407 पुरुष और 930 मातृशक्ति, 1120 बाल स्वयंसेवकों ने कुटुंब शाखा की।
संस्कारों को पुनर्जीवित करने का प्रयास
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कहना है कि कुटुंब शाखा के जरिए परिवार में संस्कारों को पुनर्जीवित करने का प्रयास संघ कर रहा है। इससे व्यक्ति और चरित्र निर्माण की प्रक्रिया निर्बाध गति से चलती रहेगी। घर की महिलाओं और बच्चों को भी संघ को नजदीक से जानने का मौका मिला है। जो बच्चे कभी शाखा नहीं गए, रविवार की संघ प्रार्थना और कुटुंब शाखा में उन्होंने भी हिस्सा लिया।