मलेरिया का डंक: स्वास्थ्य मंत्री कस गए, फिर भी महकमा बीमारी रोकने में नाकाम Bareilly News

जब से मंत्री हिदायत देकर लौटे तब से पांच दिन के अंदर 43 नए मरीज सामने आ गए। रोजाना करीब दो सौ बुखार पीडि़त ओपीडी में पहुंच रहे जिनकी पैथोलॉजी में खून की जांच कराई जा रही है।

By Abhishek PandeyEdited By: Publish:Sat, 17 Aug 2019 09:41 AM (IST) Updated:Sat, 17 Aug 2019 09:19 PM (IST)
मलेरिया का डंक: स्वास्थ्य मंत्री कस गए, फिर भी महकमा बीमारी रोकने में नाकाम Bareilly News
मलेरिया का डंक: स्वास्थ्य मंत्री कस गए, फिर भी महकमा बीमारी रोकने में नाकाम Bareilly News

बरेली, जेएनएन : पिछले साल पूरे जिले में मलेरिया जानलेवा बनकर फैला था। करीब दो सौ लोगों की जान चली गई। इस बार सूबे के स्वास्थ्य मंत्री पहले ही यहां आकर स्वास्थ्य अधिकारियों को कस गए कि मलेरिया फैला तो अंजाम ठीक नहीं होगा। इसके बावजूद हालात काबू होते नहीं दिख रहे। जब से मंत्री हिदायत देकर लौटे, तब से पांच दिन के अंदर 43 नए मरीज सामने आ गए। रोजाना करीब दो सौ बुखार पीडि़त ओपीडी में पहुंच रहे जिनकी  पैथोलॉजी में खून की जांच कराई जा रही है। इनमें औसतन सात नए मरीज सामने आ रहे हैं।

पांच को डेंगू होने पर खंगाला हॉस्टल

निजी मेडिकल कॉलेज में छात्रों सहित पांच को डेंगू की पुष्टि हुई तो पूरा स्वास्थ्य विभाग हिल गया। शुक्रवार को मलेरिया से लेकर इंटीग्रेटेड डिसीज सर्विलांस प्रोजेक्ट तक की टीम कॉलेज पहुंच गई। मरीजों की एलाइसा टेस्ट रिपोर्ट देखी। पूरा हॉस्टल खंगाला।

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बुखार के अनुसार अलग-अलग किए वार्ड

नौ और दस अगस्त को स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह शहर में थे। जिला अस्पताल में मलेरिया के मरीजों को भर्ती किए जाने के सही इंतजाम नहीं पाए तो सीएमएस पर कार्रवाई के लिए कह गए थे। इसके बाद इतना जरूर हुआ कि विभाग ने बुखार के अनुसार वार्डों को अलग-अलग कर दिया है। अब वाइवैक्स व फैल्सीपेरम के मरीजों को अलग-अलग में भर्ती किया गया है। वार्डों के बाहर भी पीएफ (फैल्सीपेरम) व पीवी (वाइवैक्स) चस्पा किया गया है। हालांकि रोकथाम के समुचित इंतजाम अभी भी नहीं किए गए। गांवों में हालात ज्यादा खराब हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें वहां तक नहीं पहुंच रहीं। 

सीबीगंज, बिशारतगंज के मरीज सबसे ज्यादा

चिकित्सकों के मुताबिक सीबीगंज औैर बिशारतगंज के रोगी ज्यादा है। फैल्सीपेरम ग्रसित अलीशमा, कुलदीप, संदीप व प्रियंका वार्ड में भर्ती हैं। जबकि वाइवैक्स मलेरिया में पूनम, नत्थूलाल सागर, मोहित, रामवती, रामेश्वर, रेहान, फैसल, शमशेर, नत्थूबख्श भर्ती हैं। पार्वती व पारुल मिश्रा भी मलेरिया ग्रसित मरीज हैं।

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नहीं मिला एडीज मच्छर

मरीजों के टेस्ट में तो डेंगू की पुष्टि हुई। टीम ने कॉलेज के हॉस्टल व रिसार्ट में डेंगू फैलाने के लिए जिम्मेदार एडीज मच्छर तथा उसके लार्वा की बारीकी से तलाश की गई, लेकिन कहीं भी न तो उसका लार्वा मिला और न ही वहां कोई ऐसा प्रमाण मिला।

शासन को भेज रहे रिपोर्ट

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डेंगू से पीड़ित मरीजों की रिपोर्ट भी शासन को भेज रहे हैं। विभागीय अधिकारियों के रिकार्ड के अनुसार जिला अस्पताल से कराए गए एलाइसा टेस्ट में किसी को भी डेंगू होने की पुष्टि नहीं है। एक मरीज को डेंगू की संभावना जताई जा रही है। उसकी रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है।

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फीवर हेल्प डेस्क रखेगा बुखार के रोगियों का रिकॉर्ड

जिला अस्पताल में स्थापित फीवर हेल्प डेस्क के पास बुखार के रोगियों का अभिलेख भी होगा। बुखार के रोगियों को सलाह देने के साथ साथ यह डेस्क उनका रिकार्ड भी मेंटेन करेगी। सीएमओ ने इसके लिए एक कर्मचारी की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए हैं। अब तक डेस्क रोगियों को बुखार, डेंगू व मलेरिया के मरीजों को बचाव की जानकारी देती थी।

फीवर हेल्प डेस्क पर कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जा रही है। व्यवस्थाएं दुरुस्त रहे इसके लिए मॉनीटङ्क्षरग भी की जाएगी। - डॉ. टीएस आर्या एडीएसआइसी 

डेंगू के मरीजों का फॉलोअप किया जा रहा है। जिसके क्रम में शुक्रवार को टीम को प्राइवेट मेडिकल कॉलेज भेजा गया था। वहां बारीकी से जांच की गई। - विनीत कुमार शुक्ला, सीएमओ 

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