अभिभावकों को लगा झटका, स्कूलों पर छोड़ा फीस का फैसला Bareilly News

लॉकडाउन के कारण तंगी से परेशान चल रहे अभिभावकों को शुल्क निर्धारण समिति के उस फैसले से तगड़ा झटका लगा है जिसमें उन्होंने स्कूलों को छूट देने का अधिकार दे दिया है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Sun, 07 Jun 2020 07:00 AM (IST) Updated:Sun, 07 Jun 2020 05:50 PM (IST)
अभिभावकों को लगा झटका, स्कूलों पर छोड़ा फीस का फैसला Bareilly News
अभिभावकों को लगा झटका, स्कूलों पर छोड़ा फीस का फैसला Bareilly News

बरेली, जेएनएन। लॉकडाउन के कारण तंगी से परेशान चल रहे अभिभावकों को शुल्क निर्धारण समिति के उस फैसले से तगड़ा झटका लगा है, जिसमें उन्होंने स्कूलों को छूट देने का अधिकार दे दिया है। अभिभावक परेशान हैं। उनका कहना है कि अगर शासन या सरकार ही फीस में कुछ रियायत देने का आदेश जारी कर देती तो स्कूलों को मानना ही पड़ता। अभिभावक समिति भी इसके विरोध में है। वहीं, स्कूल संचालकों का कहना है कि शुल्क समिति को फीस में छूट तय करने का अधिकार नहीं है।

लॉकडाउन की वजह से करीब दो महीने पूरी तरह से सब कुछ बंद रहा। इससे तमाम लोगों को रोजगार, व्यापार और नौकरी में दिक्कतें उठानी पड़ीं। सबसे ज्यादा दिक्कत मध्यम वर्गीय परिवारों, श्रमिकों और मजदूरों को हुई। बच्चों की फीस जमा न कर पाने की वजह से उन्होंने अभिभावक संघ और जन प्रतिनिधियों के माध्यम से ज्ञापन दिया। जिसके बाद डीएम के आदेश पर जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ.अमरकांत सिंह8 ने उप्र स्ववित्तपोषित विद्यालय (शुल्क विनियम) अधिनियम 2018 के तहत अभिभावकों के तीन वर्ग करके स्कूलों से फीस में छूट देने का प्रस्ताव मांगा। लेकिन सिर्फ तीन से ही ब्योरा दिया। अभिभावकों का कहना है कि शुक्रवार को हुई समिति की बैठक में उम्मीद थी कि फीस में कुछ छूट मिलेगी। लेकिन पता चला कि छूट के लिए स्कूलों से ही अभिभावकों को संपर्क करना होगा। इस निर्णय के बाद तो स्कूल अपने हिसाब से काम करेंगे।

अभिभावक की राय

1 : लॉकडाउन की वजह से ज्यादातर अभिभावक परेशान हैं। उम्मीद थी कि फीस में छूट देने पर कोई फैसला होगा। लेकिन मामला स्कूलों पर छोड़ दिया गया। स्कूलों को तीन महीने की फीस पर 50 फीसद छूट देनी चाहिए। -निश्चल उपाध्याय

2 : डेढ़ महीने तक मेरा व्यापार ठप रहा। सभी के साथ यही स्थिति है। स्कूलों ने ऑनलाइन क्लास चलाई है तो उन्हें सिर्फ  ट्यूशन फीस लेनी चाहिए। बाकी में छूट देने पर विचार करना चाहिए।

-दानिश जमाल

स्कूल बोले

1 : समिति ने पात्रता तय करते हुए कहा है कि छूट के लिए स्कूलों में आवेदन कर सकते हैं। हमारे पास जो भी आवेदन आएंगे उनकी पात्रता चेक की जाएगी, जिससे पता रहे कि उसका अनुरोध सही है या नहीं। फिर हम विचार करेंगे। -पारूष अरोड़ा, प्रबंधक, पदमावती एकेडमी

2 : शुल्क अधिनियम की जो गाइलाइन है, उसमें फीस छूट की बात नहीं है। जिस स्कूल को देना है वह अभिभावक की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उस पर निर्णल ले सकते हैं।-वीके मिश्रा, प्रधानाचार्य, डीपीएस बरेली

फीस में छूट के लिए अभिभावक स्कूल में आवेदन कर सकते हैं। वहां से कोई समस्या होती है तो मेरे पास शिकायत कर सकते हैं। नियमानुसार उसका निस्तारण किया जाएगा। -डॉ अमरकांत सिंह, डीआइओएस, बरेली

अभिभावक समिति

जब शुल्क समिति को फीस माफी का अधिकार ही नहीं है तो मीङ्क्षटग ही क्यों रखी गई। जो निर्देश बताए गए यह सारे तो पहले से ही स्कूलों के पास थे, जब सब कुछ स्कूल वालों को ही करना है तो यह शुल्क समिति का क्या औचित्य। -विशाल मेहरोत्रा, प्रदेश महामंत्री, रुहेलखंड सेवा समिति

 

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