बरेली में सिपाही की पत्नी ने मासूम को चिमटा से दागा, पाक्सो के तहत मुकदमा दर्ज

बरेली में अच्छी गुजर बसर करने का सपना लेकर आई मजदूर की नौ वर्ष की बेटी पर सिपाही की पत्नी कहर बनकर टूटी। सिर्फ कप टूटने के कारण मासूम बच्ची के शरीर को जगह-जगह गर्म चिमटा से दागा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Tue, 27 Sep 2016 10:50 AM (IST) Updated:Tue, 27 Sep 2016 06:00 PM (IST)
बरेली में सिपाही की पत्नी ने मासूम को चिमटा से दागा, पाक्सो के तहत मुकदमा दर्ज

बरेली (जेएनएन)। प्रदेश में पुलिस के पास बाल श्रम रोकने के साथ ही बच्चों को पीडि़त होने से बचाने की जिम्मेदारी है। बरेली में पुलिसकर्मी के घर में इन सब का उल्लंघन हो रहा है।

बरेली में अच्छी गुजर बसर करने का सपना लेकर घर से दूर आई मजदूर की नौ वर्ष की बेटी पर सिपाही की पत्नी कहर बनकर टूटी। सिर्फ एक कप टूटने के कारण मासूम बच्ची के शरीर को जगह-जगह गर्म चिमटा से दागा। उस मासूम की गलती सिर्फ इतनी थी कि घर में काम करते वक्त उसके हाथ से कप टूट गया था। इसके बाद तो सिपाही की पत्नी अमानवीयता की हदें लांघती रहीं और पति सबकुछ देखता रहा।

समोसा खा लेने पर मां ने मासूम का गला घोंटा

बच्ची के साथ अमानवीय बर्ताव की जानकारी होने पर बच्ची का पिता पहुंचा, उसके हाल देख सिहर गया। उसने एसडीएम को सिपाही व उसकी पत्नी की करतूत बताई मगर बाद में वर्दी वाले उसे बचाने की जुगत में लग गए। पंचायत बैठा दी, पीडि़त पक्ष पर समझौते का दबाव बनाया जाने लगा। शाम को उसके और उसकी पत्नी के खिलाफ मारपीट व पाक्सो में मुकदमा दर्ज किया गया।देर रात एसएसपी ने सिपाही को निलंबित कर दिया।

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बरेली के फतेहगंज पश्चिमी थाने पर तैनात सिपाही नईम शहर के मीरगंज के अफसरयान मुहल्ला में रहता है। नईम के पड़ोसी सुखा की ससुराल भेसोड़ी गांव मिलक में हैं। मासूम इसी गांव की रहने वाली है, जिसका पिता मजदूर है। सुखा ने नईम की उससे मुलाकात कराई। नईम ने वहां मजदूर की बच्ची को देखा तो कहा कि अब इसकी पढ़ाई और पालने की जिम्मेदारी मैं लूंगा। छह बच्चों के मजदूर पिता को लगा कि बेटी की जिंदगी संवर जाएगी, इसलिए उसने बच्ची को नईम के साथ भेज दिया।

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सिपाही दंपती पर केस दर्ज

एसपी देहात यमुना प्रसाद ने बताया बच्ची की मां की शिकायत पर आरोपी दंपती पर मारपीट और पाक्सो के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। सिपाही निलंबित कर दिया गया है।

एसडीएम ने कराया मेडिकल

मासूम की मां ने एसडीएम अर्चना द्विवेदी को पूरा घटनाक्रम बताया। तब उन्होंने बच्ची का मेडिकल कराया, सीओ गिरीश कुमार ने बयान दर्ज कराए। जिसकी वीडियोग्राफी हुई है। इससे पहले मामला जब थाने पहुंचा तो पुलिसकर्मी समझौता कराने के प्रयास में लगे रहे।

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चर्चित है आरोपी सिपाही

सिपाही नईम का नाम तस्करी के मामलों में उछल चुका है। यही वजह है कि दो महीने पहले उसका ट्रांसफर मीरगंज थाने से हटाकर फतेहगंज पश्चिमी थाने में किया गया था।

महिला पीटती रही, वह चीखती रही

नईम के घर से दोपहर ढाई बजे चीखने व चिल्लाने की आवाज आने लगी तो सुखा की बेटी ने जाकर देखा। वहां नईम की पत्नी शबाना उस मासूम बच्ची को पीट रही थी। सूखा की बेटी शबाना से बचाकर बेटी को अपने घर पर लेकर आई। सूचना पर शाम को बच्ची के माता-पिता भी पहुंच गए।

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