सुस्ती से लटक गए स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट
शहर का विकास करीब तीन महीने पिछड़ गया है।
जागरण संवाददाता, बरेली : लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले नगर निगम करोड़ों रुपये के कार्यो के टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाया। इस कारण शहर का विकास करीब तीन महीने पिछड़ गया है। समय से टेंडर प्रक्रिया पूरी होती तो चुनाव के दौरान ही शहर में विकास के कार्य शुरू हो जाते। स्मार्ट सिटी के साथ ही 14वें वित्त आयोग व अवस्थापना निधि के करोड़ों रुपये के काम अब चुनाव खत्म होने के बाद ही हो पाएंगे। स्मार्ट सिटी के 16.58 करोड़ के काम अटके करीब एक महीने पहले कमिश्नर की अध्यक्षता में हुई स्मार्ट सिटी की बैठक में चार बड़े कामों के लिए 16.58 करोड़ रुपये के प्रस्ताव मंजूर हुए थे। इसके तहत करीब 12.10 करोड़ रुपये से डेलापीर चौराहे का सुंदरीकरण कराया जाना है। शहर के 11 पार्को में ओपन जिम बनाने के लिए 1.57 करोड़ रुपये पास हुए हैं। इसके साथ ही शहर के 16 स्कूलों की 47 कक्षाओं में स्मार्ट क्लासेज बनाए जाने हैं। इसके लिए बैठक में 1.91 करोड़ रुपये के प्रस्ताव पास हुए थे। ब्रांडिंग एडवरटाइजिंग व पीआर एक्टिविटी के लिए एक करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। इन कामों को पूरा करने के लिए नगर निगम अफसरों ने देरी से टेंडर निकाला। आचार संहिता लगने के कारण काम उसमें फंस गए। 29 करोड़ रुपये के निर्माण कार्य भी फंसे कमिश्नर की अध्यक्षता में बीते दिनों हुई बैठक में 14वें वित्त आयोग के लिए 23 करोड़ व अवस्थापना निधि के लिए करीब छह करोड़ रुपये के प्रस्तावों पर मुहर लगी। इस रकम से शहर में सड़क, नाले व नालियों के निर्माण के काम होने हैं। नगर निगम के अधिकारी इन कामों के भी टेंडर नहीं निकाल पाए, इससे पहले ही आचार संहिता का ब्रेक लग गया।