एकलौते पुत्र को इंजीनियर बनाने की थी तमन्ना
जागरण संवाददाता, बरेली: एयरफोर्स के बेस्ट विंग कमांडर (पायलट) ठाकुर नर भगत (टीएनबी) सिंह के पिता ठाकुर दिगंबर सिंह अपने एकलौते पुत्र को इंजीनियर बनाना चाहते थे। दैनिक जागरण से बातचीत के दौरान हैदराबाद निवासी दिगंबर सिंह बोले, कि वह अपने एकलौते पुत्र को हमेशा पास रखना चाहते थे। लेकिन, टीएनबी सिंह की बचपन से ही देश सेवा की इच्छा थी। काफी मना करने के बाद भी 1995 में एनडीए क्वालीफाई कर एयरफोर्स में नौकरी पा ली। इसके बाद एयरफोर्स में स्क्वाड्रन लीडर जया रावत से शादी हो गई। बहू जया रावत ने सर्विस पूरी होने के बाद नौकरी छोड़ दी। मगर, भेल कंपनी से सेवानिवृत्त ठाकुर दिगंबर सिंह को अपने पुत्र की बहादुरी पर काफी नाज है। वह बोले, हर दिन रात को नौ बजे अपनी मां महालक्ष्मी से फोन पर बात कर हाल-चाल पूछता था, तो वहीं एयरबेस स्थित केंद्रीय विद्यालय में कक्षा पांच में पढ़ने वाली सन्या सिंह (09) मुझसे बातचीत करती थी। शुक्रवार रात जब फोन नहीं आया। इस पर फिक्र हुई। रात में ही बहू से फोन कर खैरियत पूछी, तब हादसे की जानकारी। घर का चिराग बुझने की बात सुनकर ऐसा लगा, जैसे पैरो के नीचे की जमीन धसक गई। ठाकुर दिगंबर सिंह ने अपने पुत्र की बहादुरी बताते हुए बोले, एक बार पूना में ट्रेनिंग के दौरान घोड़े से गिरकर घायल हो गए थे। घर पर जानकारी आई, तो हम लोग गए। मैने बेटे से यह छोड़ घर चलने को कहा। लेकिन, उसने नौकरी छोड़ने से बिल्कुल मना कर दिया। इसके बाद काफी हंसते हुए हम लोगों को विदा किया। मगर आज वह खुद हम लोगों को रुलाकर दुनिया से विदा हो गया। वह अपनी पत्नी-दामाद और रिश्तेदारों के साथ बरेली पहुंचे थे।