कब्रिस्तान से धर्मस्थल तक बैरिकेडिग से तनाव, पुलिस तैनात

कब्रिस्तान की भूमि से लेकर धर्मस्थल तक एक समुदाय विशेष ने पिलर लगाकर बैरिकेडिग शुरू कर दी। इसको लेकर दोनों समुदाय में तनाव हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 05 Jan 2021 11:12 PM (IST) Updated:Tue, 05 Jan 2021 11:12 PM (IST)
कब्रिस्तान से धर्मस्थल तक बैरिकेडिग से तनाव, पुलिस तैनात
कब्रिस्तान से धर्मस्थल तक बैरिकेडिग से तनाव, पुलिस तैनात

बाराबंकी : कब्रिस्तान की भूमि से लेकर धर्मस्थल तक एक समुदाय विशेष ने पिलर लगाकर बैरिकेडिग शुरू कर दी। इसको लेकर दोनों समुदाय में तनाव हो गया। आसपास के गांव के लोगों ने पहुंचकर पिलर उखाड़कर फेंक दिया। पुलिस ने पहुचंकर मामला शांत कराया। राजस्व टीम ने पहुंच कर पैमाइश शुरू की है। दरियाबाद के तेलमा व लालगंज गांव की सीमा पर कब्रिस्तान स्थित है। यहां जाने के लिए कच्चा रास्ता है। रास्ते पर एक धर्मस्थल और उसके पीछे तालाब है। बताया जाता है कि मंगलवार की भोर कब्रिस्तान पर एक समुदाय के लोग पहुंचे और धर्मस्थल के सामने कब्रिस्तान की जमीन कहकर पिलर लगा दिए। इसका तेलमा गांव के ग्रामीणों ने विरोध किया। कहासुनी के दौरान मारपीट हो गई। इस पर हूंसेपुर गांव से भी तमाम लोगों आ गए और पिलर उखाड़ फेंक दिए। विवाद की सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्ष को शांत कराया और राजस्व टीम बुलाकर कब्रिस्तान की पैमाइश शुरू कराई। कोतवाल सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि कब्रिस्तान की भूमि पर बैरीकेडिग को लेकर विवाद की जानकारी मिली है। पुलिस व राजस्व टीम मौके पर है।

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बगैर टोकन धान बेचने को लेकर विवाद, पहुंची पुलिस

बाराबंकी : धान खरीद केंद्रों पर धान बेचने में किसानों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। टोकन के बावजूद किसान धान बेचने को परेशान हैं।

मंगलवार को बगैर टोकन धान तौल को लेकर एक व्यक्ति ने हंगामा काटा। टोकन लिए किसानों से पहले खुद के धान की खरीद किए जाने को लेकर अड़ा रहा। एसएमआई के तहसील दिवस में होने के कारण किसान थाने पहुंचे। किसानों ने पुलिस को फरियाद सुनाई। कुछ देर बाद पुलिस खरीद केंद्र पर पहुंची। यहां पर निर्णय हुआ कि टोकन से खरीद की जाएगी, लेकिन बगैर टोकन धान बेचने को लेकर एक किसान अड़ा रहा। करीब तीन घंटे खरीद बाधित रही। अपनी बोरियां किसान ने छनाई यंत्र में डाल रखी थी। वो बोरियां हटाने को राजी नहीं हुआ। जिसके बाद एसएमआई शैलेंद्र कुमार वर्मा भी केंद्र पर पहुंचे। काफी समझाने के बाद भी वो बगैर टोकन धान बेचने पर अड़ा रहा। जिसके कारण उसके ही धान की खरीद शुरू कराना पड़ा। इसके बाद टोकन नंबर से खरीद शुरू हो सकी।

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