छोटी सी उम्र में शिवम की जापान तक उड़ान

प्रदीप द्विवेदी, बांदा आगे बढ़ने की ललक हो तो रास्ते खुद ब खुद बन जाते हैं। बांदा के शिवम

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Nov 2018 10:09 PM (IST) Updated:Tue, 13 Nov 2018 10:09 PM (IST)
छोटी सी उम्र में शिवम की जापान तक उड़ान
छोटी सी उम्र में शिवम की जापान तक उड़ान

प्रदीप द्विवेदी, बांदा

आगे बढ़ने की ललक हो तो रास्ते खुद ब खुद बन जाते हैं। बांदा के शिवम ने इस कथन को चरितार्थ कर दिखाया है। सकूरा साइंस प्रोग्राम में चयन पाकर छोटी सी उम्र में जापान तक उड़ान भरने वाले इस छात्र ने नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. सिकरावा का भी दिल जीता और उनसे आगे बढ़ने के टिप्स भी लिए।

डीएम कालोनी निवासी कैलाश प्रसाद के पुत्र शिवम बचपन से ही मेधावी हैं। राजकीय इंटर कॉलेज में हाईस्कूल टॉप करने वाले शिवम वर्तमान में विज्ञान वर्ग के साथ इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रहे हैं। वह बताते हैं कि पिछले साल राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति परीक्षा दी। इसमें टॉप सूची में स्थान बनाने के बाद सकूरा साइंस प्रोग्राम में चयन हुआ। इसमें प्रदेश से सिर्फ तीन छात्रों का ही चयन होता है। 18 मई को इंडो-जापान यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत छह दिवसीय शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम में जापान जाने का मौका मिला।

जीत लिया नोबेल विजेता का दिल

शिवम के मुताबिक रिकिया यूनिवर्सिटी में साइंस प्रोग्राम के दौरान ही नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. हिदेकी सिराकावा से मुलाकात हुई। उन्होंने एलईडी बनाने का प्रयोग कराया, जिसमें अव्वल स्थान प्राप्त हुआ। इस पर खुश होकर डॉ. सिराकावा ने उन्हें इसी तरह मेहनत करने के लिए प्रेरित किया और आगे बढ़ने के टिप्स दिए।

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डीएम ने भी किया था पुरस्कृत

शिवम की प्रतिभा से तत्कालीन डीएम महेंद्र बहादुर सिंह बेहद प्रभावित हुए थे। विज्ञान और तकनीक विषयक निबंध प्रतियोगिता में बेहतर लेखन पर उन्होंने शिवम को 500 रुपये बतौर पुस्कार देने के साथ अपने आवास पर भोजन के लिए आमंत्रित किया था।

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