आस्था व भक्ति में झलकता है गुरु भक्ति का उल्लास

संवाद सहयोगी, बबेरू : मौनीबाबा धाम मेले में भंडारे के दूसरे दिन लाखों शिष्यों ने स्वामी अवधूत म

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 Dec 2018 10:35 PM (IST) Updated:Sun, 16 Dec 2018 10:35 PM (IST)
आस्था व भक्ति में झलकता है गुरु भक्ति का उल्लास
आस्था व भक्ति में झलकता है गुरु भक्ति का उल्लास

संवाद सहयोगी, बबेरू : मौनीबाबा धाम मेले में भंडारे के दूसरे दिन लाखों शिष्यों ने स्वामी अवधूत महाराज का आशीर्वाद लेकर प्रसाद ग्रहण किया। मेला परिसर जयकारों से गूंजता रहा। सेवा और सहयोग की झलक दिखाई दी। वहीं खास बात यह रही कि आश्रम में पहुंचते ही धर्म और जाति की दीवारें मिटीं दिखीं। अमीर हो या गरीब सबने एक ही पंडाल के नीचे बैठकर एक साथ प्रसाद चखा।

सिमौनीधाम मेले में रविवार को दूसरे दिन लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ी। सभी को समय से प्रसाद मिले और मीनू का आइटम परोसा जाए यह सब कैसे संभलेगा ? सोचना ही मुश्किल हो जाता है, पर आश्रम में ऐसा कुछ नहीं है। सहज भाव से एक साथ पांच हजार से अधिक श्रद्धालु प्रसाद चख पाते हैं। गुरु जी के प्रति आस्था और समर्पण की भावना इस कदर है कि लोग अपने आप सेवा भाव में जुट जाते हैं। मेले में यह देखा गया है कि जाति और धर्म की कोई दीवाल नहीं बची है। भंडारे में सिमौनी के पूर्व प्रधान सुलेमान खा भी टीम के साथ व्यवस्थाओं के साथ-साथ पूड़ी की कड़ाही की जिम्मेदारी बखूबी से निभा रहे है। महिलाएं जो पूड़ी बेलकर डालती हैं इनकी टीम के लोग ही उसे कड़ाही तक पहुंचाते है। जो भी मेले मे पहुंचता है सभी के मन यह उमंग रहती है कि वह सेवा भाव से कार्य कर हाथ बंटाने का काम कर रहा है। सभी को अनवरत चलने वाले भंडारे की पगंत में किसी को अव्यवस्था का सामना न करना पड़े। इसके लिए कई विद्यालयों के एनसीसी कैडेट भी इस कार्य में जुटे हुए हैं। दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात व उड़ीसा, उज्जैन के भी लोग भी बड़ी संख्या में आश्रम में डेरा डाले हुए हैं। हर कार्य के लिए अलग-अलग समितियां बनी है। स्वामी जी स्वयं पूरे भंडारे की व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं।

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