चौंकिए मत, फैशन शो में रैंप पर इठलाते नजर आएंगे दिव्यांग

जागरण संवाददाता बांदा फैशन शो सुनते ही एक अलग तस्वीर आंखों के सामने तैरती नजर आएगी। र

By JagranEdited By: Publish:Sun, 31 Jan 2021 11:52 PM (IST) Updated:Sun, 31 Jan 2021 11:52 PM (IST)
चौंकिए मत, फैशन शो में रैंप पर इठलाते नजर आएंगे दिव्यांग
चौंकिए मत, फैशन शो में रैंप पर इठलाते नजर आएंगे दिव्यांग

जागरण संवाददाता, बांदा : फैशन शो सुनते ही एक अलग तस्वीर आंखों के सामने तैरती नजर आएगी। रैंप पर कैटवॉक करते मॉडल जैसी छवि तैरने लगेगी। अगर इसके उलट आंख, हाथ या पैर से दिव्यांग बच्चे रैंप पर नजर आएं तो चौंकना स्वाभाविक होगा। जिले के इतिहास में तो पहली बार ऐसा फैशन शो आयोजित किया जा रहा है। इसमें न केवल बांदा, बल्कि बनारस, झांसी, चित्रकूट समेत कई जिलों के बच्चे शामिल हैं। यह जरूर है कि रैंप पर दिव्यांग के साथ एक सामान्य बच्चे को भी रखा गया है।

रानी दुर्गावती स्मारक समिति के बैनर तले मेडिकल कॉलेज में दो फरवरी को दिव्यांगों का दिव्यपथ कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है। इसमें फैशन, योग, गायन से लेकर कई आयोजन होने हैं। कार्यक्रम में 50 बच्चे दिव्यांग हैं जो रैंप पर प्रतिभा दिखाएंगे तो गायन और योग के जरिए अपना लोहा मनवाएंगे। करीब तीन माह से ऐसे बच्चों की तैयारी कराई जा रही है। आर्ट एंड क्राफ्ट स्टूडियो की निदेशक निशा गुप्ता बताती हैं कि गांधी जयंती पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में इन बच्चों में छिपा हुनर नजर आया तो निखारने का संकल्प ले लिया। समाज को यह संदेश देना है कि दिव्यांग बच्चों को दया नहीं बल्कि प्रोत्साहन की जरूरत है। ऐसे बच्चों को मंच देकर इनकी प्रतिभा सबके सामने लाकर साबित करना है कि यह सामान्य बच्चों से कम नहीं हैं।

दिव्यांग भी कर सकते चमत्कार

दिव्यांग भी चमत्कार कर सकते हैं, बस उनका हौसला बढ़ाने की जरूरत है। निशा कहतीं हैं कि समाज के लोगों को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है। दिव्यांग होना कोई अभिशाप नहीं है। उनमें भी कुछ कर गुजरने का जज्बा होता है। उन्हें भी समाज में बराबरी से जीने का हक है। वह बताती हैं कि संसाधनों व गांवों में जागरूकता की कमी के साथ शिक्षा का अभाव है। कई गांवों में सड़कें नहीं थीं, जहां के बच्चों को खेत खलिहानों से कार्यक्रम तक लाया गया है। कई बच्चे पढ़े लिखे हैं। वे आगे बढ़ना चाहते हैं पर उचित संसाधन नहीं हैं।

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