ठंड से वृद्ध की मौत

बचाने के लिए प्रदेश सरकार के सारे इंतजाम अभी प्रशासन के कागजों में दबे पड़े हैं। कड़ाके की सर्दी होने लगी है। लोगों के हाड़ तक कांप रहे है लेकिन अब तक शहर के प्रमुख स्थानों बस स्टैंड रेलवे स्टेशन टैक्सी स्टैंड प्रमुख चौराहों पर लोगों की सुविधा के लिए एक भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है। नगर पालिका इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं समझे। इसकी वजह से आम जन व राहगीर रात में ठंड में कांपने को मजबूर है। अबतक कहीं अलाव नहीं जलवाए गए। यह जनता का दुर्भाग्य ही है कि अलाव का बजट होने के बावजूद अधिकारी उदासीन बने हुए है। हर साल 15000 क्विटल लकड़ी की व्यवस्था की जाती है पर इस वर्ष अब तक कोई व्यवस्था नहीं हो सकी। गरीब और असहाय कागज जलाकर ठंड दूर करने की जद्दोजहद में लगे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 10:50 PM (IST) Updated:Wed, 11 Dec 2019 06:03 AM (IST)
ठंड से वृद्ध की मौत
ठंड से वृद्ध की मौत

संवाद सहयोगी, अतर्रा : कस्बे के बिसंडा रोड में मंगलवार को एक वृद्ध की ठंड लगने से मौत हो गई। मोहल्ले वासियों ने बताया कि कुछ वर्षो पहले इसी मोहल्ले में रहकर ठेलिया चला पल्लेदारी का काम किया करता था, लेकिन वृद्ध होने के कारण बीते कई वर्षो से भीख मांग गुजारा करता था।

तहसील क्षेत्र के ग्राम पिडखर निवासी 65 वर्षीय बदलुवा नगर के बिसंडा रोड में बीते 15 दिन पहले से किराए में रहता था। बीती रात ठंड लगने से उसकी मौत हो गई। मृतक के भतीजे राजकुमार रैकवार ने बताया कि चाचा की ठंड लगने से मौत हो गई। उसके तीन लड़के हैं। एक लड़का काफी समय से लापता हैं। दो लड़के मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं। वृद्ध अपनी पत्नी के साथ चित्रकूट में रह भीख मांग गुजारा करता था। अभी 15 दिन पूर्व अतर्रा में आया था। मकान मालिक ने बताया कि मृतक देर रात भीख मांगकर आया था और ठंड लगने की बात कह कमरे में सोने चला गया था। मकान मालिक संतोष की सूचना पर पुलिस ने जांच पड़ताल की है।

शहर में अब तक नहीं जलाए गए अलाव

जासं, बांदा: ठंड से गरीबों को बचाने के लिए प्रदेश सरकार के सारे इंतजाम अभी प्रशासन के कागजों में दबे पड़े हैं। कड़ाके की सर्दी होने लगी है। लोगों के हाड़ तक कांप रहे हैं, लेकिन अब अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है। शहर के प्रमुख स्थानों बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, टैक्सी स्टैंड, प्रमुख चौराहों पर लोगों की सुविधा के लिए अब तक एक भी अलाव नहीं जलवाये गए हैं। आम लोगों ने कई बार नगर पालिका से अलाव जलवाने की मांग भी की है लेकिन पालिका अब तक बजट न मिलने का हवाला दे रही है। इस वजह से आम जन व राहगीर रात में ठंड में कांपने को मजबूर है। हर साल अलाव जलाने के लिए शहर में 1500 क्विंटल लकड़ी की व्यवस्था की जाती है, लेकिन इस वर्ष अब तक कोई व्यवस्था नहीं हो सकी। गरीब और असहाय कागज जलाकर ठंड दूर करने की जद्दोजहद में लगे हैं। उधर नगर पालिका के ईओ संतोष कुमार मिश्र ने बताया कि जल्द ही ई-टेंडिरंग करवाकर अलाव का टेंडर दिया जाएगा।

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