तिरहार क्षेत्र के किसानों पर संकट के बादल

संवाद सहयोगी, पैलानी : विद्युत विभाग के रवैये से पैलानी तहसील के जसपुरा ब्लाक के किसान एक बा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Nov 2018 11:09 PM (IST) Updated:Tue, 20 Nov 2018 11:09 PM (IST)
तिरहार क्षेत्र के किसानों पर संकट के बादल
तिरहार क्षेत्र के किसानों पर संकट के बादल

संवाद सहयोगी, पैलानी : विद्युत विभाग के रवैये से पैलानी तहसील के जसपुरा ब्लाक के किसान एक बार फिर बर्बादी की कगार पर हैं। ब्लाक की 32 ग्राम पंचायतों में कुल 35926 हेक्टेअर भूमि कृषि योग्य हैं जिसमें एक तिहाई ¨सचित है। इस क्षेत्र में ¨सचाई संसाधन के रूप में मात्र नलकूप ही सहारा हैं। लेकिन बिजली न मिलने के कारण 80 फीसद ¨सचित जमीन सूखी पड़ी है।

लो वोल्टेज और विद्युत कटौती की समस्या से आजिज जसपुरा, नरायन, कानाखेड़ा सहित क्षेत्र के तमाम किसान व प्रधानों ने दस दिन तक जसपुरा में धरना दिया। कई गांवों के टयूबवेलों के स्टार्टर और मोटर खराब पड़े हैं। जबकि ¨सचाई के दौरान किसानों को मात्र 2-4 घंटे ही बिजली मिल रही है। क्षेत्र में ¨सचाई के लिए 68 राजकीय नलकूप हैं। इनमें से ज्यादातर विद्युत फाल्ट के चलते खराब बने रहते हैं। किसान अपनी जमीनों को सींचने के लिए खुद पैसे की व्यवस्था कर ट्रांसफार्मर बदलवाने को बाध्य रहते हैं। आलम यह है कि एक बीघा जमीन सींचने में ही किसानों को चार-चार दिन का समय लग जाता है। सरसों, मसूर व चना की बुआई वैसे भी लेट हुई है। ¨सचाई न होने से अब गेहूं की बुआई भी पिछड़ रही है। - 24 घंटे के अंदर क्षेत्र के किसानों की समस्या का समाधान किया जाएगा। लो वोल्टेज और कटौती मुक्त कर किसानों को ¨सचाई के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। -कमलकांत कमल, अवर अभियंता पैलानी ब्लाक क्षेत्र में कृषि भूमि व टयूबवेल की स्थिति

कुल कृषि भूमि -35926 हे.

¨सचित भूमि -7524 हे.

अ¨सचित भूमि -20833 हे.

राजकीय नलकूप -68

प्रतिक्रिया

- चंदवारा गांव में मात्र 20 फीसदी जमीन की ¨सचाई ही हो पायी है। लो वोल्टेज व विद्युत कटौती के कारण पलेवा नहीं हो पा रहा। 24 घंटे में मात्र 4-6 घंटे ही विद्युत आपूर्ति की जा रही है। ऐसे में कृषि भूमि परती पड़ी है। - बड़कू कुशवाहा

- बड़ा गांव को कानाखेडा विद्युत सब स्टेशन से बिजली आपूर्ति होती है। यहां पर दिनभर में मात्र तीन घंटे ही बिजली की आपूर्ति की जा रही है। पलेवा न होने से मसूर, चना व सरसों की बुआई नहीं हो पा रही। ऐसे में किसान खासा परेशान है। -महेश ¨सह

- इछावर गांव के मजरा धरीखेड़ा निवासी किसान ने बताया कि एक बीघे की ¨सचाई मुश्किल से चार घंटे में हो जानी चाहिए। लेकिन लो वोल्टेज के कारण चार दिन से उसका एक बीघा खेत नहीं ¨सच पाया है। -रामसनेही

- विद्युत विभाग कोरा आश्वासन देकर किसानों के साथ छल कर रहा है। लो वोल्टेज व विद्युत कटौती की समस्या का समाधान नहीं हो रहा। समस्या को लेकर दस दिन तक किसानों ने आंदोलन भी किया। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। -रामसजीवन

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