बाढ़ से घिरे गांव, खेत में पट गया बालू

बाढ़ प्रभावित गांव के बाशिदे दुश्वारियां झेलने को विवश हैं

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Jul 2020 11:20 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 06:09 AM (IST)
बाढ़ से घिरे गांव, खेत में पट गया बालू
बाढ़ से घिरे गांव, खेत में पट गया बालू

बलरामपुर : नेपाल के पहाड़ों पर हुई बारिश से पहाड़ी नालों में उफान होने से 40 से अधिक गांव पानी से घिर गए हैं। खेतों में बालू पट जाने से धान व मेंथा की फसल प्रभावित हो गई है। गौरा-तुलसीपुर मार्ग स्थित दतरंगवा व सिघवापुर डिप पर चार फीट पानी बह रहा है। जिससे आठ दिनों से वाहनों का आवागमन प्रभावित है। उधर प्रशासन बाढ़ से बचाव के लिए एसडीआरएफ मुस्तैद होने की बात कहकर अपनी पीठ थपथपा रहा है। जबकि बाढ़ प्रभावित गांव के बाशिदे दुश्वारियां झेलने को विवश हैं।

पानी से घिरे हैं गांव : -पहाड़ी नालों की बाढ़ से गैंसड़ी क्षेत्र के करीब 20 गांव पानी से घिरे हैं। चित्तौड़गढ़ जलाशय के बैराज से भांभर नाले में पानी छोड़े जाने के कारण नाले में उफान आ गया है। मदरहवा, सुस्ता, हरनहवा, कन्हईडीह, मनकी, धोकरहा, बगनहवा, अहिरनडीह, गोड़ियनडीह, मुरावनडीह, हुब्बाडीह, मुंशीडीह, चुकवा, बगहिया गांवों में पानी भर जाने से धान की बोआई बाधित है। गन्ने की फसल डूब गई है। उधर महाराजगंज तराई क्षेत्र के खरझार नाले में आई बाढ़ से रामगढ़ मैटहवा व शांतिनगर गांव आने-जाने वाले रास्ते पर पानी भर जाने के कारण आवागमन बाधित है। साहेबनगर, सहबिनिया, सुगानगर, दांदव बल्दीडीह, लहेरी, औरहिया, हरिहरनगर, विजयीडीह गांव पानी से घिरे हुए हैं। विधायक ने जाना कटान का हाल :

-उतरौला : विधायक राम प्रताप वर्मा ने क्षेत्र के बांक भवानीपुर के परसौना में नदी कटान का निरीक्षण किया। इस दौरान विभागीय अधिकारियों को कटान रोकने के निर्देश दिए। उपजिलाधिकारी अरुण कुमार गौड़, सीओ मनोज कुमार यादव, आनंद त्रिपाठी, पप्पू वर्मा, हर्षित जायसवाल मौजूद रहे।

ग्रामीणों की बढ़ी परेशानी :

-पहाड़ी नालों के उफान से थरूवा-थरूनिया, चरनगहिया, पोखरा, वीरपुर, भोजपुर, अंबरनगर, मनयरिया, कोइलखार, बगनहा, नेवरी, सिघवापुर गांव बाढ़ के पानी की चपेट में हैं। आवागमन प्रभावित होने से लोगों की रोजमर्रा की जरूरतें नहीं पूरी हो पा रहीं हैं। गांव के शौचालयों में पानी भर गया है। हैंडपंप पानी में डूब गए हैं। अनोखा देवी का कहना है कि इलाज के लिए जिला मुख्यालय नहीं जा पा रही हैं। पशुओं के लिए चारे का संकट पैदा हो गया है। प्रेमलता व गुरुचरन ने बताया कि एक छोटी नाव लगाकर प्रशासन ने कोरम पूरा कर लिया है।

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