माइक्रोस्कोप पर टिकी है अस्पतालों की पैथौलॉजी

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By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Feb 2019 10:15 PM (IST) Updated:Mon, 11 Feb 2019 10:15 PM (IST)
माइक्रोस्कोप पर टिकी है अस्पतालों की पैथौलॉजी
माइक्रोस्कोप पर टिकी है अस्पतालों की पैथौलॉजी

बलरामपुर : केस एक : मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नंदनगर की पैथोलॉजी बदहाल है। पुराने भवन में संचालित लैब में धूल व गंदगी जमी है। यहां संसाधन के नाम पर सिर्फ माइक्रोस्कोप ही है। बिजली न होने की बात कहकर कर्मचारी मरीजों को मुख्यालय भेज देते हैं। ऐसे में गर्भवती व क्षय रोगियों को भी कई किलोमीटर दौड़ना पड़ता है। केस दो : सीएचसी गैंड़ासबुजुर्ग की पैथोलॉजी भी संसाधनों की कमी से जूझ रही है। लैब में माइक्रोस्कोप के अलावा कुछ नहीं है। लैब टेक्नीशियन आलोक मिश्र यहां बलगम की जांच तो कर देते हैं, लेकिन बुखार, शुगर व यूरिन समेत अन्य जांच के लिए मरीज को निजी पैथोलॉजी में जाना पड़ता है। जहां उनसे मनमानी कीमत वसूली जाती है। केस तीन : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जोकहिया की पैथोलॉजी माइक्रोस्कोप के सहारे है। सोमवार को आरएनटीसीपी की एलटी पुष्पा यहां जांच करती मिलीं। बताया कि इससे खून, यूरिन व बलगम की जांच होती है। एलाइजा मशीन न होने से कुछ मरीजों को जिला मेमोरियल चिकित्सालय भेजना पड़ता है। 34 अस्पतालों की लैब बहदाल :

- जिले में छह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 11 ब्लॉक स्तरीय पीएचसी व 23 नवीन/अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं। इनमें से किसी भी अस्पताल की पैथोलॉजी में जांच मशीन नहीं है। यहां तैनात एलटी कुछ जांच माइक्रोस्कोप व टेस्ट किट से करते हैं। सूत्र की मानें तो अधिकांश को कमीशन के लिए निजी केंद्र भेज दिया जाता है। भेजी गई डिमांड

- प्रभारी सीएमओ डॉ. कमाल अशरफ का कहना है कि सीएचसी व पीएचसी में माइक्रोस्कोप से जांच होती है। आधुनिक मशीनों के लिए डिमांड भेजी जा चुकी है।

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