नहर में सिल्ट जमा होने से खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा पानी
बलरामपुर: नहर में पड़ी सिल्ट की सफाई न कराए जाने से नहर पटती जा रही है। इससे नहर का लाभ क्षेत्रीय कि
बलरामपुर: नहर में पड़ी सिल्ट की सफाई न कराए जाने से नहर पटती जा रही है। इससे नहर का लाभ क्षेत्रीय किसानों को नहीं मिल पा रहा है। किसान निजी संसाधनों से खेतों की सिंचाई करने को विवश हैं। जबकि किसानों को गेहूं आदि की सिचांई के लिए पानी की जरूरत है।
प्रकरण उतरौला पंप हाउस के नाम से जाना जाने वाला सरजू खंड तीन के नहर का है, जो भोजपुर गांव के समीप राप्ती नदी में स्थित है। किसानों को सिंचाई सुविधा मिले शासन ने इसी मंशा के तहत 1978 मे उतरौला पंप हाउस का निर्माण कराया था। जिसमें अधिक क्षमता के सात बिजली चालित मोटर व राप्ती नदी से पानी लिफ्टिंग करने के लिए अन्य उपकरण लगवाए गए थे। सरजू खड तीन के द्वारा एक बड़ी नहर का निर्माण भी करवाया गया था। नहर की शाखाएं डुमरियागंज, इटवा, बिश्कोहर तक फैलाई गई थी। रामनरायन सिंह, विजयपाल, संग्राम, राकेश शुक्ला आदि किसानों का कहना है कि हमारी ही जमीन पर सरजू खंड तीन की नहर निकली गई है, लेकिन नहर का लाभ नहीं मिल रहा है। भोजपुर, वीरपुर, महरी, सदवापुर, घोपालापुर, मिश्रौलिया, कोइलखार, गुलरिहा, देवलहा, भगोसर आदि गंावों के किसानों भी इस नहर का लाभ नहीं मिल रहा है। सिल्ट जमा होने के कारण नहर के कुलाबे ढके हैं। राजेंद्र, इश्तियाक, सुखदेव आदि का कहना है कि नहर में सिल्ट होने से इसका लाभ स्थानीय लोगों को नहीं मिल पा रहा है। अवर अभियंता रामवृक्ष का कहना है कि सिल्ट सफाई व नहर के मरम्मत आदि कार्य का स्टीमेट उच्चाधिकारियों को भेजा गया है। स्वीकृति मिलते की सफाई आदि का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।