पात्रों के बदले अपात्रों को मिल रहा आवास का लाभ

विकास खंड बेलहरी में प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास निर्माण की गति तो धीमी है ही कतिपय गांवों में पात्रों के बदले अपात्र ही योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। अगर शासन-प्रशासन निष्पक्षता से मात्र जांच कर दें तो कई प्रधानों व सचिवों की गर्दन ही नप जाएगी। कई ग्राम पंचायतों में ऐसे भी लाभार्थी हैं जो प्रथम किश्त जारी होने के बावजूद आवासों की निर्माण शुरू नहीं कर सके हैं। वहीं कई पात्र प्रथम किश्त लेकर गांव छोड़कर ही चले गए। प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री आवास योजना 2011 की आर्थिक जनगणना के आधार पर बनाई गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Nov 2019 05:59 PM (IST) Updated:Sun, 24 Nov 2019 05:59 PM (IST)
पात्रों के बदले अपात्रों को मिल रहा आवास का लाभ
पात्रों के बदले अपात्रों को मिल रहा आवास का लाभ

जासं, मझौवां (बलिया): विकास खंड बेलहरी में प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास निर्माण की गति तो धीमी है ही, कतिपय गांवों में पात्रों के बदले अपात्र ही योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। अगर शासन-प्रशासन निष्पक्षता से मात्र जांच कर दें तो कई प्रधानों व सचिवों की गर्दन ही नप जाएगी। कई ग्राम पंचायतों में ऐसे भी लाभार्थी हैं जो प्रथम किश्त जारी होने के बावजूद आवासों की निर्माण शुरू नहीं कर सके हैं। वहीं कई पात्र प्रथम किश्त लेकर गांव छोड़कर ही चले गए। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री आवास योजना 2011 की आर्थिक जनगणना के आधार पर बनाई गई थी।

इसी के अनुसार क्रमवार लाभार्थियों का चयन करना था लेकिन तीन समितियों द्वारा जांच करने के बावजूद क्रम तोड़कर कई ग्राम पंचायतों में व्यक्तिगत लाभ के लिए अपात्रों का चयन किया गया है। इसमें कई पात्र आज भी इस सूची में नाम रहते हुए भी वंचित हैं। वहीं मझौवां जैसे बड़े ग्राम पंचायत पात्रों की संख्या होने के बावजूद इन योजनाओं से बाहर कर संतृप्त दिखाया जा रहा है। इसी तरह की समस्या अन्य ग्राम पंचायतों में भी मौजूद है। पात्रों ने जिलाधिकारी का ध्यान इस तरफ अपेक्षित करते हुए इन विसंगतियों को दूर कराने की मांग की है। जिससे पात्रों को योजना का लाभ मिल सके।

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