प्रबोधिनी एकादशी पर गंगा में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डूबकी

जागरण संवाददाता बलिया कार्तिक पूर्णिमा मास के हरि प्रबोधिनी एकादशी के पवित्र पर्व पर बुधवार

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 04:56 PM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 04:56 PM (IST)
प्रबोधिनी एकादशी पर गंगा में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डूबकी
प्रबोधिनी एकादशी पर गंगा में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डूबकी

जागरण संवाददाता, बलिया: कार्तिक पूर्णिमा मास के हरि प्रबोधिनी एकादशी के पवित्र पर्व पर बुधवार को हजारों श्रद्धालुओं ने पतित पावनी मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। साथ ही बाबा बालेश्वर नाथ व भृगु मंदिर में दर्शन पूजन किया। ब्राह्मणों को दान कर पुण्य के भागी बने। इस पर्व पर उपवास रखकर साधना भी की। कार्तिक एकादशी पर होने वाले स्नान के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।

ठंड के बाद भी सुबह से ही ग्रामीण क्षेत्रों से श्रद्धालुओं की टोली नगर की तरफ चल दी। इसके बाद महावीर घाट के रास्ते संगम तट पर पहुंच कर गंगा में डूबकी लगाई। गंगा-तमसा के संगम, महावीर घाट व कीनाराम बाबा घाट पर स्नानार्थियों की काफी भीड़ रही। यह क्रम दोपहर तक चलता रहा। इस अवसर पर महिलाओं की सबसे अधिक संख्या देखी गईं। महिलाओं ने दान-पुण्य के साथ ही मां गंगा, तुलसी, मिट्टी का साक्षी विनायक बनाकर विधिवत पूजन किया। साथ ही मां गंगा की आरती उतारी।

व्रती लोगों ने फल, शकरकंद व सुथनी का भोग लगाया और दान किए। नगर के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी देवउठनी एकादशी की धूम रही। पूरे दिन व्रत रखकर शाम को महिलाओं ने विधि विधान से शालीग्राम संग तुलसी का विवाह कराया। इस दौरान ईंख का मंडप बनाकर आंवला, सिघाड़ा, कन व सुथनी के अलावा विविध प्रकार के भोग अर्पित किए गए। साधु-संतों ने गंगा तट

पर किया कल्पवास संगम तट पर कार्तिक मास में साधु-संतों से लगायत महिलाओं ने भी कल्पवास किया है। अलग-अलग टोलियों में साधु-संत का समाज गंगा तट पर कल्पवास किया है। यहीं पर प्रसाद रूप में उनके द्वारा भोजन का भी प्रबंध किया जा रहा है। संतों के द्वारा गंगा तट पर स्नान करने पहुंचने वाले लोगों के लिए भी भोजन का प्रबंध किया जा रहा है। इसे लोग प्रसाद रूप में सभी लोग ग्रहण कर रहे हैं। इसी तरह कुछ महिलाएं भी वहीं पर अलग डेरा डाल कल्पवास कर रही हैं जिससे गंगा घाट की रौनक काफी बढ़ गई है।

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