Ballia News: 10700 भूमिहीन व पांच हजार मृतक ले रहे थे पीएम किसान सम्मान निधि, किसानों को देना होगा भूलेख

सूची से सत्यापन में अभी तक 10700 किसान भूमिहीन और पांच हजार किसानों की मृत्यु हो चुकी है। इसके बावजूद उनके खाते में किसान सम्मान निधि की राशि जा रही थी। अभी तक जिले के किसानों ने 11वीं किस्त तक की धनराशि प्राप्त कर ली है।

By Lovkush SinghEdited By: Publish:Thu, 06 Oct 2022 05:14 PM (IST) Updated:Fri, 07 Oct 2022 02:39 AM (IST)
Ballia News: 10700 भूमिहीन व पांच हजार मृतक ले रहे थे पीएम किसान सम्मान निधि, किसानों को देना होगा भूलेख
12वीं किस्त का सभी को इंतजार है।

बलिया, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ लेने वाले किसानों को अपना भूलेख पीएम किसान निधि के पोर्टल पर अपलोड कराना है। इसके लिए हर तहसील में लेखपाल लगाए गए हैं। भूलेख अंकित होने के बाद ही पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिलेगा। जिले में 4.42 लाख किसानों का डाटा संबंधित पोर्टल से अपलोड किया गया था। 

सूची से सत्यापन में अभी तक 10700 किसान भूमिहीन और पांच हजार किसानों की मृत्यु हो चुकी है। इसके बावजूद उनके खाते में किसान सम्मान निधि की राशि जा रही थी। अभी तक जिले के किसानों ने 11वीं किस्त तक की धनराशि प्राप्त कर ली है। 12वीं किस्त का सभी को इंतजार है। 

अभी तक 3.19 लाख किसानों का सत्यापन

भूलेख अंकन के लिए हर तहसील को जिम्मेदारी दी गई है। कृषि विभाग की ओर से जिले के 1739 राजस्व गांवों के 4.42 लाख किसानों का डाटा भूलेख अंकन के लिए डाउनलोड किया गया है। इसमें वास्तविक किसानों की संख्या 4.16 लाख है। अभी तक 3.19 लाख किसानों का सत्यापन हो चुका है।

अभी तक 68 फीसद की हुई ई-केवाईसी

योजना में शामिल किसानों में अभी तक 68 फीसद किसानों की ही ई-केवाईसी भी हुई है। जिला कृषि विभाग की ओर से कई बार तिथि बढ़ाई गई, इसके बावजूद भारी संख्या में किसान इस मामले में भी लापरवाही बरत रहे हैं। ई-केवाईसी के लिए किसानों को कई तरह की सुविधा की दी गई है। वह जनसेवा केंद्र पर जाकर या स्वयं से भी ई-केवाईसी कर सकते हैं। 

भूलेख नहीं देने वाले किसानों की फंसेगी किस्त

जिला कृषि उप निदेशक इंद्राज ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ प्राप्त करने वाले किसानों के सत्यापन का कार्य चल रहा है। उनके भूलेख पीएम किसान सम्मान निधि के पोर्टल पर अपलोड किए जा रहे हैं। योजना में शामिल अभी तक लगभग पांच हजार किसान ऐसे मिले हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। किसान अपना भूलेख तत्काल संबंधित लेखपाल को दे दें ताकि वह योजना में बने रहें। इसमें लापरवाही करने पर संबंधित किसान की अगली किस्त फंस सकती है।

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