वोटर आइडी से आधार का लिक जरूरी, अन्यथा होंगे मतदान से वंचित

जागरण संवाददाता दोकटी (बलिया) वे मतदाता अपने मताधिकारी का प्रयोग नहीं कर सकते जिनता वोटर आईडी आधार से लिक नहीं होगा। इसके लिए निर्वाचन आयोग में प्रक्रिया आरंभ कर दी है। बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं से मतदाता पहचान पत्र से लिक करने को आधार की मांग रहे हैं। वे सीधे तौर से कह भी रहे हैं कि मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिक के अभाव में आगामी चुनावों में मतदान से वंचित रह जाएंगे। जिससे आधार जमा करने के लिए लोगों ने भागदौड़ तेज कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 09:59 PM (IST) Updated:Mon, 14 Oct 2019 10:00 PM (IST)
वोटर आइडी से आधार का लिक जरूरी, अन्यथा होंगे मतदान से वंचित
वोटर आइडी से आधार का लिक जरूरी, अन्यथा होंगे मतदान से वंचित

जागरण संवाददाता, दोकटी (बलिया) : वोटर आइडी आधार से लिक नहीं होगा तो आप अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सकेंगे। इसके लिए निर्वाचन आयोग में प्रक्रिया आरंभ कर दी है। बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं से मतदाता पहचान पत्र से लिक करने को आधार की मांग रहे हैं। वे सीधे तौर से कह भी रहे हैं कि मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिक न कराने पर आगामी चुनावों में मतदाता मतदान से वंचित रह जाएंगे। इस सूचना के बाद आधार जमा करने के लिए लोगों ने भागदौड़ तेज कर दी है।

चुनाव आयोग के इस फरमान से मतदाताओं के साथ-साथ वे छुटभैया नेता भी परेशान हैं, जो अपने चुनाव के समय क्षेत्र के ज्यादा से ज्यादा लोगों को मतदाता सूची में नाम दर्ज कराकर अपनी जीत सुनिश्चित कर लेते थे। आज वे अपने संबंधितों के यहां जाकर आधार कार्ड बनवाने त्रुटि सुधरवाने में लगे हैं ताकि निर्धारित समय से पहचान पत्र को आधार से लिक कराया जा सके। वैसे इस नियम से काफी लोग परेशान भी हैं, जिनका आधार कार्ड नहीं बन पाया है। उन लोगों का कहना है कि एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि आधार के अभाव में किसी को उनके अधिकार से वंचित नहीं किया जाएगा जबकि सरकारी योजनाओं का लाभ आधार के बिना संभव नहीं है। दूसरी तरफ क्षेत्र में आधार कार्ड भी नहीं बन पा रहे हैं। दूर-दराज के इलाकों में जहां कहीं आधार कार्ड बनाया जा रहा है, वहां पर आधार संशोधन व नया बनाने के नाम पर 200 रुपये से 500 रुपये वसूले जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में लोगों का आर्थिक शोषण व मानसिक उत्पीड़न भी हो रहा है। नहीं बन रहे हैं आधार कार्ड

प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार जितने भी आधार बनाने के केंद्र थे, फर्जीवाड़ा की बात कहकर उसे बंद कर दिए गए। लोगों को आश्वस्त किया कि आधार कार्ड बनाने की जिम्मेदारी बैंकों व डाकघरों को सौंप दी जाएगी। इससे लोगों को आर्थिक शोषण से मुक्ति मिलेगी कितु लगभग दो साल के बाद भी आज तक क्षेत्र के बैंकों व डाकघरों में आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया आरंभ नहीं हो सकी। अलबत्ता आर्थिक शोषण और बढ़ गया। लोगों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि क्षेत्रीय बैंकों व डाकघरों आदि स्थानों पर आधार कार्ड बनाने की व्यवस्था जनहित में तत्काल शुरू की जाय।

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