कतर्निया के बाघों की निगहबानी करेंगे एसटीएफ के जवान

कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में अब बाघों की सुरक्षा के लिए एसटीपीएफ तैनात होंगे।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sun, 17 Feb 2019 06:27 PM (IST) Updated:Sun, 17 Feb 2019 06:27 PM (IST)
कतर्निया के बाघों की निगहबानी करेंगे एसटीएफ के जवान
कतर्निया के बाघों की निगहबानी करेंगे एसटीएफ के जवान

 बहराइच, जेएनएन। कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में अब बाघों की निगहबानी एसटीपीएफ के जवान करेंगे। इसके लिए वन्यजीव प्रभाग को तीन जोन में बांटा गया है। मोतीपुर, सुजौली व कतर्नियाघाट में 37 जवानों के साथ तीन प्लाटून कमांडर व एक डिप्टी एसपी तैनात किए गए हैं। पुलिस व पीएसी के जवानों को वन्यजीव व वनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन जवानों को दुधवा के फील्ड डायरेक्टर के दिशा-निर्देश में काम करने के निर्देश दिए गए है।

पर्यटन स्थली के रूप में विख्यात कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में वर्तमान में लगभग 26 बाघों की मौजूदगी है। इन पर वन्यजीव तस्करों की भी निगाहें रहती हैं। बाघों की सुरक्षा को लेकर ङ्क्षचतित सरकार ने एसटीपीएफ जवानों को बाघों की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है। कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग को तीन जोन में बांटा गया है। इसमें मोतीपुर, सुजौली व कतर्नियाघाट रेंज शामिल हैं। इस जोन में अक्सर बाघों की मौजूदगी पाई जाती है। 37 स्पेशल टाइगर प्रोटक्शन फोर्स (एसटीपीएफ) के जवानों की तैनाती की गई है। 12 जवानों पर एक एसआई रैंक का प्लाटून कमांडर भी तैनात किया गया है।

इनमें सतेंद्र, अशोक कुमार व सोनी शामिल हैं। प्लाटून कमांडर व जवानों को डिप्टी कमांडेंट अभिनव यादव के नेतृत्व में कार्य करना होगा। इन सभी की कमान दुधवा फील्ड डायरेक्टर डॉ. रमेश पांडेय को सौंपी गई है। फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि सभी जवानों को वन्यजीवों व वनों के सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जंगल क्षेत्र में इन जवानों के रहने, खाने के साथ गश्त के लिए वाहनों की भी व्यवस्था कराई गई है। 

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