हाई रिस्क जोन, फिर भी मच्छरों से बेपरवाह प्रशासन

- स्वास्थ्य, नपाप व पंचायतीराज विभाग के मकड़जाल में फंसी कार्ययोजना जागरण अभियान - मच्छरों

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Sep 2018 05:27 PM (IST) Updated:Wed, 19 Sep 2018 02:56 AM (IST)
हाई रिस्क जोन, फिर भी मच्छरों से बेपरवाह प्रशासन
हाई रिस्क जोन, फिर भी मच्छरों से बेपरवाह प्रशासन

बहराइच : तराई में डेंगू व जेई मच्छर कहर बरपा रहे हैं। हर रोज दर्जनों पीड़ित ¨जदगी बचाने को जद्दोजहद करते हुए सरकारी व निजी अस्पताल पहुंच रहे हैं। लेकिन अफसोस! नगर निकाय, स्वास्थ्य व पंचायतीराज विभाग मिलकर भी न तो मच्छरों के प्रकोप पर अंकुश लगा पा रहे हैं और न ही मच्छरजनित बीमारियों पर। विभागों की खींचातानी व कागजी कोरम के चलते मच्छरों के डंक से लोग बच नहीं पा रहे हैं।

भारत-नेपाल सीमा से सटा बहराइच मच्छरजनित बीमारी के मामले में हाइरिस्क जोन में शामिल है। यहां जापानी इंसेफ्लाइटिस व डेंगू जैसी बीमारियों से हर साल बच्चे व बड़े काल की गाल में समा रहे हैं। मच्छरों के सफाए से लेकर उनके पनपने तक के हर गतिविधियों पर करारा प्रहार को तीन विभागों की जिम्मेदारी तय की गई है, जिन्हें दवाओं की उपलब्धता, छिड़काव, फा¨गग करना होता है। इसके बाद भी अमल नहीं हो पा रहा है।

डीपीआरओ चाहें तो एंटीलार्वा का हो छिड़काव बहराइच : जेई व डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में मच्छरों के सफाए के लिए एंटीलार्वा का छिड़काव किया जाता है। दवा की उपलब्धता होने के बाद भी अभी तक पंचायतीराज विभाग की ओर से छिड़काव नहीं कराया गया है, जबकि डीएम की ओर से एक माह पूर्व ही मनरेगा मजदूर व आशा कार्यकर्ताओं के जरिए छिड़काव कराने का निर्देश दिया जा चुका है। दवा है न बनी कार्ययोजना बहराइच : शहरी क्षेत्र में मच्छरजनित बीमारियों पर अंकुश की जिम्मेदारी उठाने वाला नगर पालिका विभाग हर माह लोगों से टैक्स तो वसूल रहा है,लेकिन शहरवासियों की सेहत को लकर कतई गंभीर नहीं दिखा रहा है। नगर निकाय के पास न तो कार्ययोजना है न ही छिड़काव के लिए एंटीलार्वा। जांच में जुटी रैपिड रिस्पांस टीम बहराइच: डेंगू व जेई पीड़ित रोगियों की पुष्टि व प्रभावित क्षेत्रों में समयबद्ध चिकित्सीय सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए रैपिड रिस्पांस टीम गठित की गई है। इसमें अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, मलेरिया अधिकारी समेत पांच सदस्यीय टीम प्रभावित गांवों का दौरा कर रही है। व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए संबंधित विभागों को त्वरित कदम उठाने की जानकारी देती है।

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