बहराइच में एसीएमओ के फार्म हाउस से मिले 38 गायों के अवशेष

जांच के दौरान आयुर्वेद दवाओं व बिस्कुट की खेप भी बरामद हुई है, ड्रग इंस्पेक्टर ने बरामद दवाओं का सैंपल ले लिया है।

By Edited By: Publish:Sat, 01 Apr 2017 10:45 PM (IST) Updated:Sun, 02 Apr 2017 12:18 PM (IST)
बहराइच में एसीएमओ के फार्म हाउस से मिले 38 गायों के अवशेष
बहराइच में एसीएमओ के फार्म हाउस से मिले 38 गायों के अवशेष

बहराइच (जागरण संवाददाता)। थाना फखरपुर क्षेत्र के बुबकापुर में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) डॉ. जेएन मिश्र फार्म हाउस पर गोशाला की आड़ में गोमूत्र व अवशेषों से अवैध दवाओं के बनाने का मामला सुर्खी में आने के बाद शनिवार को जगह-जगह फार्म हाउस खोदवाकर 38 गायों के अवशेष बरामद किए गए हैं। डीएम अजयदीप सिंह ने मौके पर पहुंचकर स्थिति की पड़ताल की।

एसडीएम कैसरगंज अमिताभ यादव के नेतृत्व में कराई गई खोदाई में निकले अवशेषों का सीवीओ डॉ. बलवंत सिंह के नेतृत्व में आठ पशु चिकित्सकों के पैनल ने अंत्य परीक्षण किया। बिसरा को जांच के लिए लखनऊ विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेज दिया गया है। इस दौरान आयुर्वेद दवाओं व बिस्कुट की खेप भी बरामद हुई है। ड्रग इंस्पेक्टर ने बरामद दवाओं का सैंपल ले लिया है।

बहराइच-लखनऊ मार्ग स्थित मरौचा के निकट बुबकापुर गांव में एसीएमओ के फार्म हाउस पर हिंयुवा की शिकायत पर शुक्रवार देर शाम प्रशासन व पुलिस की टीम ने छापामारी की थी। इस दौरान 50 गायें जिंदा बरामद की गई थी। अवैध ढंग से बनाई जा रही दवाएं एवं उपकरण भी बरामद हुए थे। पुलिस ने फार्म हाउस को सीज करके अपने कब्जे में ले लिया था और मौके पर फोर्स तैनात कर दी गई।

एएसपी शहर दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि शनिवार को फार्म हाउस में दफनाई गई गायों के अवशेषों को निकाला गया। इनका बिसरा जांच के लिए लखनऊ भेजा गया है। शुक्रवार को फार्म हाउस पर कोई खोदाई नहीं हुई थी। डीएम ने बताया कि एसीएमओ के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हो चुका है। पुलिस द्वारा विवेचना की जा रही है। अन्य तथ्य प्रकाश में आने के बाद कार्रवाई को बढ़ाया जाएगा।

रासुका लगाने की मांग: सामाजिक संस्था आसरा द सपोर्टिग हैंड फाउंडेशन अध्यक्ष सैयद अकरम आजाद ने बताया कि इस प्रकरण में प्रशासन गोवध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपी पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करें।

एसीएमओ बोले: एसीएमओ डॉ. जेएन मिश्र ने बताया कि दुर्बल व बीमार गायों को आसपास के लोग उनकी गौशाला में छोड़ जाते थे। सेवासहाय के बाद अगर गायों की मौत हो जाती थी तो उन्हें फार्म हाउस में ही मिट्टी दे दी जाती थी। वे बताते हैं कि उन्होंने कोई फैक्ट्री नहीं खोली है और न ही दवाओं के व्यापार की कोई पुष्टि कर सकता है।

अक्टूबर में शुरू हुई थी गोशाला: छह माह पूर्व फार्म हाउस पर सात गायों को हरियाणा से लाकर रखा गया था। धीरे-धीरे इस फार्म हाउस में तकरीबन 150 से अधिक गायें आ गई। एकाएक गायों के कम होने का सिलसिला शुरू हुआ तो आसपास के लोगों शक होने लगा। मामला हिंदू युवा वाहिनी तक पहुंचा तो शिकायत की गई। छापामारी की कार्रवाई शुरू हुई।

नहीं है लाइसेंस बोले ड्रग इंस्पेक्टर: ड्रग इंस्पेक्टर हृदय शंकर ने बताया कि एसीएमओ डॉ. जेएन मिश्र द्वारा दवा बनाने संबधी किसी भी प्रकार का लाइसेंस नही लिया गया है। दवाओं के नमूने लेकर जांच के लिए भेजा जा रहा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद पता चल सकेगा कि इन दवाओं के निर्माण में किन-किन सामानों का इस्तेमाल किया गया है।

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संपत्ति की भी होगी जांच: तकरीबन 50 बीघे में बना फार्म हाउस किसके नाम है। इसकी खरीददारी में कितने रुपयों का स्टांप लगाया गया है। साथ ही एसीएमओ के जोलाहनपुरवा व बुद्धा के पास भी संपत्ति होने की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को हुई है। एसडीएम कैसरगंज अमिताभ यादव ने बताया कि प्रशासन एसीएमओ की संपत्ति का ब्योरा एकत्र कर रहा है।

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