संवारे जाएंगे 420 तालाब, स्थापित होंगे वाटर रिचार्ज सेट

है। इससे निपटने के लिए उपेक्षित पड़े तालाबों को सरंक्षित किया जाएगा। तालाबों को चार मीटर तक गहरा किया जाएगा। तालाबों में बारिश के पानी से भू-गर्भ रिचार्जिंग के लिए वाटर रिचार्ज सेट स्थापित किए जाएंगे। इससे बेवजह पानी का दोहन रुकेगा। जल संरक्षण के जरिए जलस्तर को बढ़ाने में मदद मिलेगी। 420 तालाबों को संवारा जाएगा। शुरूआहै। इससे निपटने के लिए उपेक्षित पड़े तालाबों को सरंक्षित किया जाएगा। तालाबों को चार मीटर तक गहरा किया जाएगा। तालाबों में बारिश के पानी से भू-गर्भ रिचार्जिंग के लिए वाटर रिचार्ज सेट स्थापित किए जाएंगे। इससे बेवजह पानी का दोहन रुकेगा। जल संरक्षण के जरिए जलस्तर को बढ़ाने में मदद मिलेगी। 420 तालाबों को संवारा जाएगा। शुरूआ

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 Jun 2019 10:58 PM (IST) Updated:Sat, 08 Jun 2019 10:58 PM (IST)
संवारे जाएंगे 420 तालाब, स्थापित होंगे वाटर रिचार्ज सेट
संवारे जाएंगे 420 तालाब, स्थापित होंगे वाटर रिचार्ज सेट

बहराइच : तराई में घटता जलस्तर चुनौती बनी हुई है। इससे निपटने के लिए उपेक्षित पड़े तालाबों को संरक्षित किया जाएगा। तालाबों को चार मीटर तक गहरा किया जाएगा। तालाबों में बारिश के पानी से भू-गर्भ रिचार्जिंग के लिए वाटर रिचार्ज सेट स्थापित किए जाएंगे। इससे बेवजह पानी का दोहन रुकेगा। जल संरक्षण के जरिए जलस्तर को बढ़ाने में मदद मिलेगी। 420 तालाबों को संवारा जाएगा। शुरूआती दौर में प्रत्येक ब्लॉक के पांच-पांच तालाब संरक्षित किए जाएंगे। तराई में हर साल औसतन 75 से 80 सेंटीमीटर वर्षा होती है। अच्छी बारिश के बाद ही जलस्तर गिरने की मुख्य वजह बारिश के पानी के संरक्षण को बने तालाबों का उपेक्षित होना है। अधिकांश तालाब या तो वजूद खा चुके हैं या फिर छिछले हो गए हैं। इससे पानी का ठहराव नहीं होता है। अब मनरेगा योजना के तहत तराई में भू-गर्भ रिचार्ज की दिशा में एक अभिनव पहल शुरू हो रही है। प्रत्येक ब्लॉक के 30- 30 तालाब चिह्नित किए गए हैं। तालाबों को गहरा किया जाएगा। बारिश के पानी से सतह के जल स्तर को बढ़ाने के लिए वॉटर रिचार्ज सेट लगाए जाएंगे। जिससे पानी सीधे सतह तक पहुंच सके। अभिनव पहल धरातल पर लागू हुई तो पानी की बर्बादी भी रुकेगी, जलस्तर में भी अपेक्षित बढ़ोत्तरी की उम्मीदों को पंख लगेंगे। चार से आठ लाख होंगे खर्च ब्लॉकों में उपेक्षित पड़े बड़े तालाबों को प्राथमिकता से शामिल किया जाएगा। इसमें आदर्श तालाब भी होंगे। चार मीटर खुदाई की जाएगी। इंजीनियरों की देखरेख में वाटर रिचार्ज सेट लगाए जाएंगे। जिससे बारिश के पानी का सही उपयोग हो सके। एक तालाब पर चार से आठ लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। मनरेगा मजदूर ही करेंगे काम श्रम उपायुक्त शेषमणि सिंह ने बताया कि तालाबों की खुदाई व सेट स्थापना में मनरेगा के जाबकार्ड धारक ही काम करेंगे। जेसीबी व दूसरे यंत्र का प्रयोग नहीं होगा। इससे रोजगार सृजन के साथ जल संरक्षण की मुहिम कामयाब होगी।

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