अतिक्रमण पर जिम्मेदारों ने मूंदी आंखें

बहराइच : अधिकारी, जिनके पास नियमों के पालन का अधिकार है। यह इबारत अब फीकी पड़ गई है। हर मार्गों के फु

By Edited By: Publish:Tue, 30 Jun 2015 10:11 PM (IST) Updated:Tue, 30 Jun 2015 10:11 PM (IST)
अतिक्रमण पर जिम्मेदारों ने मूंदी आंखें

बहराइच : अधिकारी, जिनके पास नियमों के पालन का अधिकार है। यह इबारत अब फीकी पड़ गई है। हर मार्गों के फुटपाथ पर अतिक्रमण का बोलबाला है। पैदल चलने वालों के फुटपाथ पर लोगों ने मनमानेपन से दुकान, ठेला, गैराज, वाहन स्टैँड बना रखे हैं। लेकिन इन्हें कोई रोकने और टोकने की हिमाकत नहीं कर रहा है। नियमों के पालन की डोर पहले से ही ढीली है। इस पर जिन्हें लगाम कसनी है, वे आंखें मूंदे हुए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि इस समस्या से निजात आखिर दिलाएगा कौन?

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फुटपाथ बना गैराज

-शहर के तिकोनीबाग से सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय (एआरटीओ) जाने वाला नानपारा बाईपास। यह बाईपास गड्ढों में तब्दील है। हल्की सी बारिश होने पर यहां पानी भर जाता है। अगल-बगल के फुटपाथ राहगीरों के चलने के लिए खाली नहीं हैं। आरामशीन के लकड़ी के लट्ठे फुटपाथ पर पड़े रहते हैं। मानो यह फुटपाथ आम आदमी के लिए न होकर, बल्कि किसी की व्यक्तिगत जमीन हो। यहां से आगे बढ़ने पर वाहनों को ठीक करने वाला गैराज सड़क पर ही फैला है। गाड़ियां चाहे जहां बने, खड़े होने का ठिकाना फुटपाथ बन गया है। फुटपाथ पर कब्जे में प्रतिस्पर्धा बराबर की है। कोई पीछे नहीं रहना चाहता। सो दुकानदार कहां छूट जाएं? वे भी पूरे शिद्दत के साथ इस पर काबिज हैं।

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