आओ सखी चलें स्वावलंबन की डगर

उन हजारों महिलाओं के लिए अच्छी खबर.. जो स्वरोजगार करती हैं। अब प्रधानमंत्री खाद्य उन्नयन योजना शुरू होने जा रही है। इसमें स्वयं सहायता महिला समूहों की हर सदस्य को 40 हजार रुपये लोन मिलेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Jan 2021 06:35 PM (IST) Updated:Sat, 09 Jan 2021 06:35 PM (IST)
आओ सखी चलें स्वावलंबन की डगर
आओ सखी चलें स्वावलंबन की डगर

जेएनएन, बागपत: उन हजारों महिलाओं के लिए अच्छी खबर.. जो स्वरोजगार करती हैं। अब प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना से आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत करने को अब गांवों में वोकल फोर लोकल का सपना साकार होगा। स्वयं सहायता समूह फेडरेशन को प्रति महिला 40 हजार रुपये की दर से अनुदान मिलेगा। मकसद है उत्पादों की क्वालिटी में सुधार तथा ब्रांडिग से अच्छी कीमत दिलाकर महिलाओं की माली हालत बेहतर बनाना।

भारत सरकार से यह अनुदान राष्ट्रीय आजीविका मिशन में गठित स्वयं सहायता समूहों के फेडरेशन को मिलेगा। फेडरेशन से महिलाओं को सस्ती ब्याज दर महज छह फीसदी सालाना ब्याज पर कर्ज मिलेगा। भारत सरकार का मकसद खाद्य प्रसंस्करण

उद्योग के असंगठित खंड में मौजूद निजी सूक्ष्म उद्योगों की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने को प्लांट, उपकरण, छंटाई, ग्रेडिग, जांच, पैकिग, विपणन जैसी सुविधाओं देकर महिलाओं को स्वावलंबी बनाना है।

राष्ट्रीय आजीविका मिशन के उपायुक्त ब्रजभूषण सिंह ने बताया कि बागपत में चार हजार स्वयं सहायता समूहों में 40 हजार से ज्यादा महिला सदस्य हैं। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना का लाभ बागपत में 20 हजार महिलाओं को मिलने की उम्मीद है। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के राज्य प्रबंधक आचार्य शेखर ने दो दिन पहले वीडियो कान्फ्रेंसिग कर योजना का लाभ महिलाओं को दिलाने पर मंथन किया। इस संबंध में सर्वे कराकर पात्र महिलाओं को चिह्नित कर योजना बनाने का निर्देश भी दिया है।

गांवों में हजारों महिलाएं आचार-मुरब्बा, खोया, पनीर, दही, मिठाई, पकौड़ी तथा गाजर का हलवा, गुड़ समेत अनेक खाद्य पदार्थों का व्यवसाय कर परिवार की आजीविका चलती हैं। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना का लाभ मिलने से उनकी माली हालत सुधरेगी। वहीं दूसरी महिलाओं को स्वरोजगार की राह चलने की प्रेरणा मिलेगी, जिससे वोकल फार लोकल का सपना साकार होने से आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी।

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