कोरोना का कहर, मलेरिया का डंक

सब हेड जिले में खतरनाक वायरस के साथ ही पैरासाइट भी दिखा रहा असर कई लोग हो चुके प्रभावित

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 07:01 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 07:01 PM (IST)
कोरोना का कहर, मलेरिया का डंक
कोरोना का कहर, मलेरिया का डंक

सब हेड : जिले में खतरनाक वायरस के साथ ही पैरासाइट भी दिखा रहा असर, कई लोग हो चुके प्रभावित

- तब्दलीगियों समेत जिले में कोरोना के आ चुके 45 केस

- मलेरिया के 528 मामले भी अब तक आ चुके हैं सामने

जागरण संवाददाता, बदायूं : जिले में खतरनाक कोरोना वायरस के साथ ही मलेरिया का पैरासाइट भी असर दिखाने लगा है। वैश्विक महामारी में हालात सामान्य करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन लगातार संक्रमित नए केस निकलते जा रहे हैं। मलेरिया के लिए संवेदनशील रहे जिले में लगातार केस मिलने लगे हैं। कोरोना नियंत्रण को जुटा अमला मलेरिया का प्रकोप शुरू होने से तालमेल नहीं बैठा पा रहा है। अप्रैल से अब तक जहां कोरोना के 45 केस निकल चुके हैं, वहीं जनवरी से अब तक मलेरिया के 528 मामले सामने आए हैं। कोरोना मरीजों के उपचार को कोविड अस्पताल बने हैं, लेकिन अब तक जिले में मलेरिया वार्ड नहीं बनाया गया है।

महामारी का रूप ले चुके कोरोना के शुरुआती दौर मार्च में जिले में कोई केस नहीं था। सहसवान और भवानीपुर खल्ली की मस्जिदों में मिले तब्लीगी जमात के लोगों से कोरोना पॉजिटिव आने का सिलसिला शुरू हुआ। देखते ही देखते जिले में संक्रमितों की संख्या 45 हो चुकी है। इनमें उनौला के एक व्यक्ति की पॉजिटिव रिपोर्ट तब आई जब उसकी मौत हो चुकी थी। कोरोना संक्रमितों के उपचार के लिए कोविड एल-1 व एल-2 अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं। 35 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। इसी बीच मलेरिया का प्रकोप बढ़ने लगा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में इस बार अब तक मलेरिया के 528 केस मिल चुके हैं, जिनमें 21 खतरनाक प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम (पीएफ) और 507 प्लाज्मोडियम वाईवेक्स (पीवी) के केस हैं। पिछले साल जिले में मलेरिया के बीस हजार केस मिले थे। सालारपुर, जगत, समरेर, दातांगज ब्लॉक क्षेत्र के गांव प्रभावित थे। इस बार इन ब्लॉकों के साथ वजीरगंज ब्लॉक क्षेत्र भी मलेरिया के लिहाज से संवेदनशील हो गया है। जिला मलेरिया अधिकारी के अनुसार इन ब्लॉक क्षेत्रों के 176 गांव मलेरिया के लिहाज से संवेदनशील चिह्नित किए गए हैं।

वर्जन ::

जिले में मलेरिया की रोकथाम के प्रयास किए जा रहे हैं। 18 मीट्रिक टन डीडीटी उपलब्ध है। गांवों में नियमित छिड़काव कराया जा रहा है। मलेरिया की जांच के लिए 57 हजार आरटीडी किट भी उपलब्ध है। जहां भी बुखार से पीड़ित लोगों की जानकारी मिल रही है वहां विभाग की टीम भेजकर स्वास्थ्य परीक्षण करा रहे हैं और दवाएं मुहैया कराई जा रही हैं।

- डॉ. हरदत्त कुमार, प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी

chat bot
आपका साथी