बंधे की सरकारी जमीन को लेकर फंसे एसडीएम व पेशकार

अनुशासनहीनता व लापरवाही करने वाले एडीए सचिव जेई व अवर अभियंता के निलंबन के बाद मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी ने एक नया मामला पकड़ा है। बंधे की सरकारी जमीन के मामले में एसडीएम सदर व पेशकार पूरी तरह से फंस गए हैं। उन्होंने अपने न्यायालय में चल रही बंधे की जमीन को किसी दूसरे व्यक्ति के नाम दर्ज करा दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Nov 2019 05:43 PM (IST) Updated:Mon, 18 Nov 2019 05:43 PM (IST)
बंधे की सरकारी जमीन को लेकर फंसे एसडीएम व पेशकार
बंधे की सरकारी जमीन को लेकर फंसे एसडीएम व पेशकार

जयप्रकाश निषाद, आजमगढ़

----------------------

अनुशासनहीनता व लापरवाही करने वाले एडीए सचिव, जेई व अवर अभियंता के निलंबन के बाद मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी ने एक नया मामला पकड़ा है। बंधे की सरकारी जमीन के मामले में एसडीएम सदर व पेशकार पूरी तरह से फंस गए हैं। उन्होंने अपने न्यायालय में चल रहे बंधे की जमीन के मुकदमें में फैसला देकर किसी दूसरे व्यक्ति के नाम दर्ज करा दिया है। मामला मंडलायुक्त दरबार पहुंचा तो उन्होंने मंडल स्तरीय दो अधिकारियों की कमेटी गठित कर दी है। गठित कमेटी में अपर आयुक्त प्रशासन धर्मेंद्र सिंह व अपर आयुक्त न्यायिक अनिल कुमार मिश्र शामिल हैं।

शहर के एलवल में गाटा संख्या 1214 बंधे खाते की भूमि है। वर्ष 2018 में सोमारू ने इस जमीन पर मुकदमा दाखिल किया। यह मुकदमा एसडीएम न्यायालय में चल रहा था। बीते 14 नवंबर को बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता ने मंडलायुक्त को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि काफी दिनों से विवादित बंधे की सरकारी जमीन को एसडीएम सदर प्रशांत नायक ने सोमारू के नाम दाखिल खारिज कर दिया है। आरोप है कि 328 कड़ी जमीन में से 220 कड़ी जमीन लगभग पौन बीघा सोमारू के नाम की गई है। अभी 108 कड़ी जमीन बंधे के नाम दर्ज है। इस शिकायत को मंडलायुक्त ने गंभीरता से लिया है और तत्काल जांच टीम को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

--------------------

यह बेहद ही गंभीर मामला है। सरकारी जमीन को किसी व्यक्ति के नाम करना पूरी तरह से गलत है। मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। जांच में दोषी मिलने पर सभी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

-कनक त्रिपाठी, मंडलायुक्त।

------------------------

मेरे न्यायालय में मुकदमा दाखिल था। ऐसे में सोमारू ने फर्जी अभिलेख दायर कर धोखे से करा लिया है। फिर से अपील दायर की जा रही है। जांच के बाद स्थिति सही कर ली जाएगी।

--प्रशांत नायक, एसडीएम सदर।

chat bot
आपका साथी