चुनावी मैदान में मोदी व राहुल के खिलाफ ताल ठोकेंगे 'मृतक'

आजमगढ़: 'मृतक' संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल बिहारी 'मृतक' ने कहा कि सरकारी विभागों की धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार से जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया जा रहा है। इससे ऐसे लोग अपने मौलिक अधिकारों के लिए कार्यालय, न्यायालय, अधिकारियों, कर्मचारियों, नेता व मंत्रियों के यहां चक्कर लगाते रहते हैं। यह संविधान व देश के लिए कलंक है। इसलिए लगभग 42 वर्षों से जनहित में संघर्षरत मृतक संघ आगामी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट से मुर्दे चुनाव लड़कर जनता की अदालत में इंसाफ की आवाज को बुलंद करेंगे। साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आदि दिग्गज नेताओं के खिलाफ चुनाव लड़ाने के लिए कागजों में मृत घोषित मुर्दों कि तलाश जारी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 05:49 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jan 2019 05:49 PM (IST)
चुनावी मैदान में मोदी व राहुल के खिलाफ ताल ठोकेंगे 'मृतक'
चुनावी मैदान में मोदी व राहुल के खिलाफ ताल ठोकेंगे 'मृतक'

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : 'मृतक' संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल बिहारी 'मृतक' ने कहा कि सरकारी विभागों की धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार से जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया जा रहा है। इससे ऐसे लोग अपने मौलिक अधिकारों के लिए कार्यालय, न्यायालय, अधिकारियों, कर्मचारियों, नेता व मंत्रियों के यहां चक्कर लगाते रहते हैं। यह संविधान व देश के लिए कलंक है, इसलिए लगभग 42 वर्षों से जनहित में संघर्षरत मृतक संघ आगामी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट से कागज में घोषित मृतक चुनाव लड़कर जनता की अदालत में इंसाफ की आवाज बुलंद करेगा। इतना ही नहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आदि दिग्गज नेताओं के खिलाफ भी प्रत्याशी उतारेगा। इसकी तैयारी शुरू है। कागज में मृत घोषित मुर्दो कि तलाश जारी है।

मृतक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शुक्रवार को शहर के राजघाट स्थित श्मशान घाट पर प्रेस-प्रतिनिधियों से बातचीत की। आरोप लगाया कि सरकारी विभागों की धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार से जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर दिए जा रहे हैं। सरकार पर तंज कसा। कहा कि सरकार भ्रष्टाचार मुक्त समाज की बात कर रही है और दिख कहीं नहीं रहा है। कागजों में मृत घोषित लोग अपने मौलिक अधिकारों के लिए कार्यालयों, न्यायालयों, अधिकारियों, कर्मचारियों, नेता, मंत्रियों के यहां चक्कर लगाते रहते हैं। उन्होंने बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में 2000 के पारित आदेश के बाद उत्तर प्रदेश में हजारों मृत घोषित और धोखाधड़ी से पीड़ितों को सरकारी विभागों के अभिलेखों में पुन: जीवित कर दिया गया है। बावजूद इसके पीड़ितों की जमीनों, मकानों को शासन-प्रशासन द्वारा कब्जा नहीं दिलाया गया है और न ही मानहानि का मुआवजा दिया गया है। यह भी आरोप लगाया कि न्याय से वंचित करने के लिए तहसीलों और चकबंदी कार्यालयों व न्यायालयों में मुकदमा दायर कर फंसा दिए जाते है। दावा किया कि उत्तर प्रदेश सहित भारत के संपूर्ण राज्यों में हजारों की संख्या में जीवित मृतक भू-राजस्व विभागों में धोखाधड़ी प्रकरण में फंसे हैं, लेकिन राजनीतिक पार्टियां न्याय दिलाने में असफल रही हैं।

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