पहले खुद बनीं सबल, अब आधी आबादी को बना रही प्रबल
आजमगढ़ : यदि चाह हो तो सब कुछ संभव है। इसी को आत्मसात कर घर की बदहाल आर्थिक स्थिति से परेशान मधुलता ने अपने बलबूते न सिर्फ खुद को सबल बनाया बल्कि गांव की लड़कियों को भी सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण देकर हुनरमंद बना रही है। जिले के फूलपुर तहसील के मझौरा गांव की रहने वाली मधुलता देवी के कार्य की पूरे गांव में सराहना हो रही है।
आजमगढ़ : यदि चाह है तो राह है। इसी को आत्मसात कर घर की बदहाल आर्थिक स्थिति से परेशान मधुलता ने अपने बूते न सिर्फ खुद को सबल बनाया, बल्कि गांव की लड़कियों को भी सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण देकर हुनरमंद बना रहीं हैं। जिले के फूलपुर तहसील के मझौरा गांव की रहने वाली मधुलता देवी के कार्य की पूरे गांव में सराहना हो रही है। वह लंबे समय से जरूरतमंद लड़कियों को निश्शुल्क प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ रही हैं।
करीब 15 वर्ष पूर्व मधुलता की शादी मझौरा गांव के अजय प्रताप ¨सह के साथ शादी हुई। शादी के बाद घर की माली हालत को देख घर व समाज के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा जगा, लेकिन आर्थिक कमजोरी आड़े आ रही थी। मधुलता ने अपने मायके में ही सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण लिया था। इसी दौरान मधुलता ने ठान लिया कि सिलाई कढ़ाई के बल पर वह अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा दिलाएंगी। वह धीरे-धीरे बालिकाओं को लेकर अपने घर पर सिलाई-कढ़ाई का कार्य प्रारंभ कर दिया। कुछ ही दिनों में सिलाई का कार्य चल निकला। इस कामकाज से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई तो गांव की लड़कियों को सिलाई-कढ़ाई के प्रति हुनरमंद बनाने के लिए प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया। आज करीब 20 लड़कियों को निश्शुल्क प्रशिक्षण दे रही हैं। मधुलता का कहना है कि पास में जब हुनर रहेगा तो लड़कियां कभी अबला नहीं रहेंगी, अपने हुनर के बलबूते सबला बनेंगी। नारी सशक्तीकरण की दिशा में मधुलता का यह प्रयास मील का पत्थर साबित हो रहा है।