.. बल, बुद्धि विद्या देहुं मोहें हरहू कलेश विकार

आजमगढ़ : पर्व कोई भी हो खुशियां हर तरफ दिखती हैं। प्रकाश पर्व दीपावली पर भी हर तरफ खुशियों में लोग ड

By Edited By: Publish:Thu, 23 Oct 2014 05:28 PM (IST) Updated:Thu, 23 Oct 2014 05:28 PM (IST)
.. बल, बुद्धि विद्या देहुं मोहें हरहू कलेश विकार

आजमगढ़ : पर्व कोई भी हो खुशियां हर तरफ दिखती हैं। प्रकाश पर्व दीपावली पर भी हर तरफ खुशियों में लोग डूबे रहे। दीपावली पर सुख-संपन्नता के लिए जहां लक्ष्मी-गणेश, विष्णु और कुबेर की पूजा करने की परंपरा रही है वहीं इसी दिन भोर में श्रीराम भक्त महाबली हनुमान जी का जन्मदिन भी मनाया जाता है। मंदिरों में उत्सव का माहौल होता है और भक्तों की भीड़ भी उमड़ती है।

हनुमान मंदिरों में महाबली हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया गया। भोर से ही पूजा-अर्चना शुरू हो गई थी। हनुमत दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। नगर के अनंतपुरा मोहल्ला स्थित प्राचीन हनुमानगढ़ी मंदिर में तो भोर से ही भक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। यहां हनुमान जी का भव्य श्रृंगार किया गया था और मंदिर में भोर से लेकर रात तक हनुमान चालीसा का पाठ चल रहा था। भक्त चना, लड्डू और तुलसी के पत्तों का भोग लगा रहे थे।

दीपावली से पहले हनुमान के जन्मोत्सव के बारे में महुजा नेवादा स्थित माता अठरही भवानी मंदिर के पुजारी पंडित गिरजा पाठक का कहना है कि लक्ष्मी के आगमन से जहां लोगों की गरीबी और दरिद्रता दूर होती है वहीं दूसरा पहलू यह भी है कि महाबली के बल और आशीर्वाद के बिना कोई भी दुख दूर ही नहीं हो सकता। शायद भक्तों के जीवन से दरिद्रनारायण को हमेशा के लिए अलग करने के लिए ही हनुमान जी ने भी इसी दिन जन्म लिया था। इन्हीं सब मान्यताओं के चलते इस दिन जहां रात में लक्ष्मी-गणेश और कुबेर की पूजा की जाती है वहीं दिन में मंदिरों में जाकर लोग हनुमान जी का आशीर्वाद लेना नहीं भूलते। यही कारण है कि दीपावली के दिन हनुमान दर्शन के लिए मंदिरों में भक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाता है।

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