अवशेष जलाने को रोकने में आगे आएं प्रधान व किसान : डीएम
जागरण संवाददाता, औरैया : फसल अवशेष जलाने पर अब इसे किसी कीमत पर छिपाया नहीं जा सकेगा। द
जागरण संवाददाता, औरैया : फसल अवशेष जलाने पर अब इसे किसी कीमत पर छिपाया नहीं जा सकेगा। देश और समाज के हित में यह आवश्यक है कि फसल अवशेषों को जलाने के बजाय उनका उचित प्रबंधन करके उसे भूमि में दवा दिया जाए। जिससे मिट्टी की उर्वरक शक्ति में वृद्धि होगी। यह बात दिबियापुर स्थित कृषि वैज्ञानिक केंद्र परवाहा में आयोजित एक कार्यक्रम में जिलाधिकारी श्रीकांत मिश्र ने कही।
गुरुवार को कृषि विभाग द्वारा आयोजित प्रमोशन आफ एग्रीकल्चर, मैकेनाइजेशन आफ इन सीटू, मैनेजमेंट आफ क्राप रेसिड्यू योजना के अंतर्गत जनपद स्तरीय कृषक जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिलाधिकारी ने वहां मौजूद ग्राम प्रधानों व किसानों को बताया कि रिमोट सें¨सग सेटेलाइट के द्वारा भारत सरकार लगातार इस बात की निगरानी रख रही है कि जिले में किस विकास खंड और किस ग्राम के अक्षांस व देशांतर पर फसल अवशेष को जलाया जा रहा है। इसके अलावा जलाने का समय और तीव्रता की जानकारी सैटेलाइट द्वारा भारत सरकार को प्राप्त होती है। इसके बाद घटना को जिले में जानकारी देकर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जाता है। डीएम ने कहा कि ग्राम प्रधान व किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में विस्तार से तकनीकी जानकारी दी गई है। कार्यक्रम में मौजूद कृषि उपनिदेशक विजय कुमार ने वहां मौजूद लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के लिए रोटा वेटर, हैप्पी सीडर, सुपर स्ट्रा मैनजमेंट सिस्टम जैसे आठ अति आधुनिक यंत्रों पर 50 फीसद तक का अनुदान दिया जा रहा है। जिसका लाभ उठाने के लिए किसानों को अपना आनलाइन पंजीकरण कराना होगा। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी सतेंद्र नाथ चौधरी, वैज्ञानिक डा. अनंत कुमार, डीपीआरओ कमल किशोर, अनूप कुमार चतुर्वेदी, आवेश कुमार ¨सह आदि लोग प्रमुख रूप से मौजूद रहे।