आधे से अधिक को नहीं मिले पात्र गृहस्थी के राशन कार्ड

जागरण संवाददाता, औरैया : खाद्य सुरक्षा योजना लागू किए जाने से राशन कार्ड धारकों की संख्या में भार

By JagranEdited By: Publish:Wed, 17 May 2017 01:00 AM (IST) Updated:Wed, 17 May 2017 01:00 AM (IST)
आधे से अधिक को नहीं मिले पात्र गृहस्थी के राशन कार्ड
आधे से अधिक को नहीं मिले पात्र गृहस्थी के राशन कार्ड

जागरण संवाददाता, औरैया :

खाद्य सुरक्षा योजना लागू किए जाने से राशन कार्ड धारकों की संख्या में भारी कमी आई है। जनपद में पात्र गृहस्थी के राशन कार्ड धारकों की संख्या 33638 है। अन्त्योदय कार्ड धारकों की संख्या 202448 है। जबकि अन्त्योदय की संख्या पहले जितनी ही रही है। बीपीएल एवं एपीएल कार्ड धारकों की संख्या में भारी कटौती हो गई है। पात्र गृहस्थी में नाम शामिल कराने के लिए लोग परेशान हो रहे हैं।

जनपद में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। कुछ साल पहले जब खाद्य सुरक्षा कानून लागू नहीं हुआ था। उस समय एपीएल कार्ड धारकों की संख्या 188193 थी। जबकि बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या 83433 थी। अन्त्योदय कार्ड धारकों की संख्या 51506 थी। इसमें पूरे जनपद में 602 सस्ते गल्ले की दुकानों द्वारा लोगों को खाद्यान्न वितरण किया जाता था। केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून लागू किए जाने के बाद एपीएल व बीपीएल राशन कार्डों को खत्म करके नई योजना के तहत पात्र गृहस्थियों का चयन किया जाना था। इसके चलते जनपद में विभाग द्वारा फार्म भरवाए जाने का कार्य शुरू किया गया। पात्र गृहस्थी में घर की मुखिया महिला को बना दिया गया। करीब दो साल चली कवायद के बाद तमाम अभी भी पात्र गृहस्थी में अपना नाम शामिल कराने को लेकर परेशान हैं। पात्र गृहस्थी की चयन प्रक्रिया इतनी खराब थी कि कई ऐसे लोग उसमें शामिल हो गए जो गरीबी रेखा से ऊपर थे। जबकि तमाम बीपीएल कार्ड धारक इस योजना से वंचित रहे। हालांकि पात्र गृहस्थी से 148084 तथा अन्त्योदय से 900368 लोग लाभान्वित हो रहे हैं।

गल्ला आने पर ही खुलती

हैं राशन की दुकानें

विभाग द्वारा प्रतिदिन दुकान खोले जाने का प्रावधान है, लेकिन जनपद भर में संचालित हो रही 602 दुकानों में बमुश्किल आधा सैकड़ा ही दुकानें ऐसी हैं जो गल्ला न होने के बावजूद खोली जाती हैं। ग्रामीण क्षेत्र में तो स्थिति यह है कि केवल खाद्यान्न वितरित करने के लिए दो या तीन दिन दुकानें खुलती हैं। खाद्यान्न खत्म होते ही दुकानों पर ताला जड़ दिया जाता है। यदि एक दो लोग रह भी जाते हैं तो उसे घर से लाकर गल्ला प्रदान कर दिया जाता है। विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देते हैं।

नरायनपुर में खुलती प्रतिदिन दुकान : शहर स्थित नरायनपुर मोहल्ले में स्थित सत्य नारायण गुप्ता की दुकान प्रतिदिन खुलती है। यहां पर होमगंज व बघाकटरा मोहल्ले का राशन वितरित किया जाता है। दुकान मालिक सत्य नारायण का कहना है कि हम लोगों को बीस तारीख के बाद गल्ला मिलता है। इसके बाद मोहल्ले के लोगों को वितरित किया जाता है। पात्र गृहस्थी की राशन कार्ड की संख्या ज्यादा है। जबकि अन्त्योदय कार्ड धारकों की संख्या कुल 67 है। वर्तमान में राशन न उठने से पूरे दिन कोई भी व्यक्ति नहीं आता है, लेकिन सरकारी आदेश के चलते दुकान प्रतिदिन खोलनी पड़ती है।

दुकान की स्थिति एक नजर में

कुल पात्र गृहस्थी की संख्या - 474

अन्त्योदय कार्डों की संख्या कुल- 67

वितरित किए जाने वाले मोहल्ले - होमगंज, बघाकटरा

वितरण के लिए आने वाला कुल गेहूं -88.94 ¨क्वटल

वितरण के लिए आने वाला चावल - 60. 41 ¨क्वटल

वितरण के लिए आने वाला केरोसिन - 1216 लीटर

वितरण के लिए आने वाली चीनी -शून्य

'सरकारी गल्ले की दुकानें प्रतिदिन खोले जाने के निर्देश हैं। इसे कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। यदि कहीं कोई समस्या है तो उसको दिखावा लिया जाएगा। माह के दूसरे व तीसरे सप्ताह में खाद्यान्न राशन डीलरों को प्रदान कर दिया जाता है। एक दो दिन में पूरे जिले में इनका वितरण होने लगता है।-दिलीप कुमार, जिला पूर्ति अधिकारी

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