सोशल साइट पर दिख रही वोट की फाइट
जागरण संवाददाता, औरैया : आयोग की बंदिश लगते ही सड़क पर चुनाव का शोर शुक्रवार शाम से ही थम गया। हालांक
जागरण संवाददाता, औरैया : आयोग की बंदिश लगते ही सड़क पर चुनाव का शोर शुक्रवार शाम से ही थम गया। हालांकि तकनीक की कसौटी पर देखें तो सिलसिला अभी भी जारी है। मतदाताओं को लुभाने के लिए तमाम पैंतरे अपनाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया इसके लिए शानदार प्लेटफार्म बना हुआ है। तमाम पार्टियों के साइबर सेल के सदस्य डटे हुए हैं। मोबाइल मैसेज से लेकर लोगों के फेसबुक वॉल तक पहुंचा जा रहा है। भावुक अपीलें की जा रही हैं। फेसबुक यूजर्स से एक बार सेवा का अवसर भी मांगा जा रहा है।
जनपद में बड़ी तादाद में फेसबुक यूजर्स हैं। इसमें बड़ी तादाद युवाओं की है। प्रचार पर ब्रेक लगते ही प्रत्याशियों की साइबर टीम और समर्थक इन्हें लुभाने में जुट गये हैं। समर्थक अपने दल, प्रत्याशी की तारीफ के साथ ही विपक्षी प्रत्याशी व दल की बुराईयां भी गिना रहे हैं। पोस्टर कुटेशन के जरिये कटाक्ष भी किया जा रहा है।
हालांकि पार्टियों के स्थानीय फेसबुक पेज बड़े नेताओं की रैलियों के फोटो तक ही सीमित हैं। पार्टी से अधिक उनके समर्थक सक्रिय हैं।
वार रूम पर टिका प्रचार
सभी प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशियों की अपनी साइबर टीम सक्रिय है। जो अपने प्रत्याशियों की सभा, रैली, भाषण को फेसबुक पर अपडेट कर रही हैं। तो का¨रदे सीधे संपर्क साध रहे हैं। वाट्सएप ग्रुप के जरिए भी अपने उम्मीदवार के पक्ष में वोट डालने की मुहिम छिड़ी है।
भीड़ से लुभाने की कोशिश
प्रत्याशियों की साइबर टीम फेसबुक यूजर्स को लुभाने के लिए बड़े नेताओं की रैलियों में जुटी भीड़ की फोटो डालकर लुभाने की कोशिश कर रही है। जिस फोटो में अधिक भीड़ है उन फोटो के माध्यम से संदेश दिया जा रहा है कि कितनी जनता उनके प्रत्याशी के साथ है। व्हाट्सएप ग्रुप पर भी भीड़ की फोटो डाली जा रही है। सोशल साइट्स के माध्यम से समर्थक अपने अपने प्रत्याशी की जीत का दावा पेश कर रहे हैं। जिससे लोग उनके साथ आ जाएं और उनके लिए आज वोट करें।
आयोग की टिकी निगाहें
सोशल साइट्स के चुनाव प्रचार पर भी चुनाव आयोग की निगाह लग गई हैं। पार्टी व प्रत्याशियों की स्थानीय साइबर टीमों पर नजर रखी जा रही है। चुनाव आयोग ने सोशल साइट्स पर प्रचार के लिए पहले ही चेताया था। इसका खर्चा भी चुनाव खर्च में जोड़े जाने की बात कही गई थी। इसके अलावा आपत्तिजनक सामग्री वायरल करने पर प्रत्याशियों व उनके समर्थकों पर मुकदमा दर्ज करने की भी हिदायत प्रशासन को दी गई थी।
मोबाइलों की भी खूब बज रही घंटी
राजनीतिक दल चुनाव प्रचार के लिए कोई कसर बाकी रखना नहीं चाहते। इसीलिए मोबाइल पर कॉल के माध्यम से भी अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे जा रहे हैं। मोबाइल पर वाइस मैसेज के साथ साथ एसएमएस भी भेजे जा रहे हैं। इसमें राजनीतिक दल अपने अपने प्रत्याशियों को वोट देने की अपील कर रहे हैं।