सड़कों पर सन्नाटा, बंद रहे बाजार व दुकानें

कोरोना क‌र्फ्यू का गांव से शहर तक दिखा असर। दवा सर्जिकल व दैनिक उपयोग की दुकानें रहीं खुली।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 12:44 AM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 12:44 AM (IST)
सड़कों पर सन्नाटा, बंद रहे बाजार व दुकानें
सड़कों पर सन्नाटा, बंद रहे बाजार व दुकानें

अमेठी : जिले में कोरोना क‌र्फ्यू का गांव से शहर तक असर दिखाई पड़ा। सड़कों पर सन्नाटा रहा तो बाजार के साथ ही छोटी-बड़ी दुकानें भी बंद रहीं। दवा, सर्जिकल व दैनिक उपयोग की दुकानें ही खुली दिखीं। सड़कों पर पुलिस का पहरा भी दिखाई पड़ा। जिलाधिकारी अरुण कुमार व पुलिस अधीक्षक दिनेश सिंह ने लोगों से घरों में रहने की अपील करते हुए कहा कि जीवन अनमोल है। सावधानी बरते, खुद बचें और परिवार को भी संक्रमण से बचाएं।

जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में छह मई सुबह सात बजे तक कोरोना क‌र्फ्यू को लागू किया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के माध्यम से प्रदेश के बाहर कोई बस भी नहीं भेजी जाएगी। बसों में शारीरिक दूरी का पालन, सेनेटाइजर तथा मास्क का प्रयोग अनिवार्य है। मेडिकल स्टोर व सर्जिकल सामान की दुकानें खुली रहेंगी। उद्योग पूर्व आदेशों के अंतर्गत खुले रहेंगे। केवल दैनिक उपयोग की दुकानों को छोड़कर शेष दुकानें बंद रहेंगी।

हाई रिस्क कैटेगरी तथा 60 वर्ष से ऊपर अथवा 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों अथवा गर्भवती एवं एक से अधिक बीमारी से ग्रसित अर्थात कम इम्युनिटी के लोग घर से बाहर नहीं निकलें। उन्होंने आमजन से अपील की है कि अनावश्यक रूप से बाहर नहीं निकले। कोरोना क‌र्फ्यू का असर जिला मुख्यालय के साथ ही जायस, पीपरपुर, संग्रामपुर, जगदीशपुर, कमरौली व मुसाफिरखाना में दिखा। इन्हौना में भी बाजार व दुकान बंद रहीं।

लाकडाउन में खुली वर्चुअल कोर्ट :

उच्च न्यायालय ने शासन की सलाह को दरकिनार करते हुए लंबित जमानत प्रार्थना पत्रों की सुनवाई के लिए वर्चुअल कोर्ट खुला रखा, मगर लाकडाउन की वजह से उहापोह की स्थिति बनी रही। वहीं, कई अधिवक्ताओं के परिवारजन की मृत्यु पर शोक प्रस्ताव पारित कर वकील न्यायिक कार्य से विरत रहे, जिसके चलते ऑनलाइन सुनवाई नहीं हो सकी।

प्रदेश सरकार ने कोरोना के कहर से बचाने के लिए दो दिन की बंदी बढ़ा दी है। गृह विभाग ने मंगलवार व बुधवार को अदालतों को बंद रखने की एडवाइजरी जारी की थी। लेकिन, उच्च न्यायालय ने उस पर संज्ञान नहीं लिया। सुबह कोर्ट तो खुली, मगर बड़ी संख्या में अधिवक्ता व वादकारी अदालत नहीं पहुंचे।

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