..हमरइ खेती चरैं घूमि के फिर विरोध है कैसा

अमेठी साहित्यकार जगदीश पीयूष स्मृति में मंगलवार को कवि सम्मेलन व सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 11:55 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 11:55 PM (IST)
..हमरइ खेती चरैं घूमि के फिर विरोध है कैसा
..हमरइ खेती चरैं घूमि के फिर विरोध है कैसा

अमेठी : साहित्यकार जगदीश पीयूष स्मृति में मंगलवार को कवि सम्मेलन व सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ कवियत्री अर्चना सिंह की वाणी वंदना से हुई। इंदू सुल्तानपुरी ने पढा, हमरइ गैया हमरइ बैला.. हमरइ खेती चरैं घूमि के फिर विरोध है कैसा।

कवि इंदू सुल्तानपुरी ने पढा, हमरइ गैया हमरइ बैला हमरइ भैंसी भैंसा। हमरइ खेती चरैं घूमि के फिर विरोध है कैसा। वहीं प्रयागराज से आए कवि आलोक बैरागी ने पहिले पृष्ठ पै लिखा रहा जब खोले हम अखबार, चार चार लरिकन कै अम्मा प्रेमी संग फरार.. पढकर खूब वाहवाही बटोरी। कार्यक्रम का आयोजन समाजसेवी गायत्री प्रसाद उपाध्याय के आवास पर हुआ। कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री आशीष शुक्ल और विशिष्ट अतिथि मां हर हर गंगे सेवा ट्रस्ट के संस्थापक व सपा नेता अश्वनी कुमार सोनी, ब्लाक प्रमुख भेंटुआ आकर्ष शुक्ल और जिला पंचायत सदस्य जगन्नाथ पांडेय उपस्थित रहे। इस दौरान युवा कवि अभिजित त्रिपाठी ने जो भी उसको देख ले जी भर, सच में पागल हो जाता है। उसकी आंखों को छू करके, कालिख काजल हो जाता है का पाठ किया। सम्मेलन का संचालन कर रहे अनूप अनुपम ने डरने से कब मौत रूकी है, कहां रूकी झुक जाने से, आना है जब आ जाएगी इक दिन नए बहाने से। चंद्रप्रकाश पांडेय की अवधी हास्य भी श्रोताओं द्वारा खूब सराही गई। बस्ती के जयदीप नवल, अयोध्या के आनंद शक्ति पाठक, ध्रुव उपाध्याय, प्रतापगढ़ से आई अर्चना सिंह, चांदनी दुबे, राम बदन शुक्ल पथिक, सूर्य प्रकाश पांडेय सूरज, दिवस प्रताप सिंह, अंकित तिवारी, श्याम प्रतापगढ़ी की कविता पाठ से श्रोता भावविभोर हो गये। इस दौरान बड़ी संख्या में काव्य प्रेमी मौजूद रहे।

chat bot
आपका साथी