नौ लोगों को बचा खुद गवां दी जान
अमेठी, जागरण संवाददाता: हादसे तो संसारीपुर और उसके आसपास बहुत हुए हैं लेकिन इस हादसे ने पिछले सारे ह
अमेठी, जागरण संवाददाता: हादसे तो संसारीपुर और उसके आसपास बहुत हुए हैं लेकिन इस हादसे ने पिछले सारे हादसों को बहुत पीछे छोड़ दिया है। मौत का इतना वीभत्स रूप शायद ही कभी पहले दिखा हो। मौत का आगोश यूं था कि चीत्कारें उसके आगोश में दब गई। इतना ही नहीं लोग जब बचाव कार्य को पहुंचे तो उन्हें भी आग की लपटों ने जल्दी पास न फटकने दिया। नतीजन एक के बाद एक नौ लोग गाड़ी में जिंदा जल गए लेकिन इन्हीं यात्रियों में से एक अंकित ने अपनी जान की परवाह न करते हुए नौ लोगों को जलती बस से निकाला। हालांकि बाद में उसने खुद दम तोड़ दिया।
संसारीपुर गांव के पास सुबह साढ़े नौ बजे तक सबकुछ सामान्य था। मजदूर और किसान लोग खेतों में काम कर रहे थे तभी अचानक सड़क किनारे खड़ी बस से आग की लपटें दिखाई पड़ी। शुरू में तो कोई कुछ समझ नहीं पाया लेकिन अचानक तस्वीर साफ हो गई। बस में आग लगी थी। लोग गांव की तरफ दौड़े और बाल्टी लेकर आ गए। बगल स्थित ढाबे से भी लोग दौड़ पड़े। बस में लोग जिंदगी की भीख मांग रहे थे। अंदर से चीत्कार उठ रही थीं। कोई खिड़की तोड़ बाहर कूदने का प्रयास कर रहा था तो कोई धक्का देकर खुद को पहले बाहर निकालना चाहता था। लोग भी जान हथेली पर रख बचाने में जुटे थे लेकिन आग के शोले उन्हें आगे नहीं बढ़ने दे रहे थे। ग्रामीणों ने किसी तरह से कुछ को निकालने की हिम्मत की।
इसी बस में अंकित अपने चाचा रामायण के साथ सफर कर रहा था। रामायण गंभीर रूप से झुलस गये हैं लेकिन अंकित की मौत हो गयी है। उसके चाचा के मुताबिक अंकित ने जलती बस से उतरने से पहले नौ लोगों को बाहर निकाला। इस चक्कर में वह खुद बुरी तरह झुलस गया और उसकी मौत हो गयी।
सीआरपीएफ के जवान क्षेत्र के लिए एक बार फिर वरदान साबित हुए। उनकी मदद से आग पर काबू पाया गया लेकिन इसके बाद का नजारा बहुत ही वीभत्स था। हंसी खुशी जिंदगी के सफर पर निकले लोग मांस के लोथड़े बन चुके थे। बस के करीब जाने से ही सिहरन उठती थी। रोंगटे कंपा देने वाले मौत के इस मंजर को जिसने देखा, देखता ही रह गया।