निस्तारण को लंबित हैं दो साल से मनरेगा शिकायतें

By Edited By: Publish:Sun, 06 Apr 2014 09:14 PM (IST) Updated:Sun, 06 Apr 2014 09:14 PM (IST)
निस्तारण को लंबित हैं दो साल से मनरेगा शिकायतें

अंबेडकरनगर : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के संचालन को लेकर अधिकारी गंभीर नहीं हैं। विकास योजनाओं में अनियमितता की शिकायतों से लेकर पारिश्रमिक भुगतान किए जाने में लापरवाही की शिकायतों पर अधिकारियों की नजर नहीं हो रही है। ऐसे में उक्त 11 शिकायतों मनरेगा शिकायत प्रकोष्ठ के अलावा हेल्प लाइन पर की गई हैं। इसके बाद भी अधिकारी कार्रवाई से गुरेज कर रहे हैं।

पहला मामला जहांगीरगंज विकास खंड से जुड़ा है। यहां 24 दिन मार्ग निर्माण में लगाए गए 42 श्रमिकों का पारिश्रमिक भुगतान दस माह बाद भी नहीं हो सका है। इसकी शिकायत श्रमिक राजकुमार ने मनरेगा हेल्प लाइन पर की है। दूसरे मामले में भीटी विकास खंड निवासी बैजूराम व रवि कुमार ने महमूदपुर गांव में तालाब के सौंदर्यीकरण पर वित्तीय अनियमितता किए जाने की शिकायत की है। आरोप है कि अधूरे निर्माण कार्य पर हेराफेरी कर पूरा भुगतान कराया गया है। मामले में पहले ही सीडीओ से शिकायत किए गया था। कार्रवाई न होने पर हैल्प लाइन पर शिकायत दर्ज कराई गई है। टांडा विकास खंड के संतोष कुमार ने मनरेगा के तहत रोजगार प्रदान किए जाने में गबन किए जाने की शिकायत की है। इसमें मृत हो गए श्रमिकों तथा एक ही श्रमिक को दो अलग-अलग नाम से भुगतान किए जाने की शिकायत की है। शिकायतकर्ता ने जॉबकार्ड की जांच कराने की मांग की है। भीटी के विमल कुमार ने मनरेगा के तहत ग्राम प्रधान, सचिव तथा रोजगार सेवक पर वित्तीय अनियमितता की शिकायत की है। टांडा विकास खंड में तैनात रोजगार सेवक रीमा सिंह ने आठ माह का मानदेय नहीं मिलने की शिकायत की है। इसी क्रम में भीटी के अजीत कुमार तिवारी, अकबरपुर के दर्शन तथा भियांव के कृष्ण कुमार सिंह ने मनरेगा में अनियमितता किए जाने की शिकायत हेल्प लाइन पर की है। इसमें कुछ शिकायतें दो साल से तो कुछ सालभर से निस्तारण की आस में हैं। अधिकारियों की उदासीनता के चलते जागरूक नागरिकों तथा पीडि़तों को निराश होना पड़ रहा है। मुख्य विकास अधिकारी श्याम सुंदर शर्मा ने बताया कि शिकायतों के निस्तारण में तत्परता बरती जा रही है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है।

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