भवन जर्जर, बेशकीमती जमीन पर भू-माफियाओं की नजर

अंबेडकरनगर : कई दशकों पूर्व बने सरकारी कार्यालय जो रखरखाव के अभाव में जीर्ण-शीर्ण हो

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 11:19 PM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 11:19 PM (IST)
भवन जर्जर, बेशकीमती जमीन पर भू-माफियाओं की नजर
भवन जर्जर, बेशकीमती जमीन पर भू-माफियाओं की नजर

अंबेडकरनगर : कई दशकों पूर्व बने सरकारी कार्यालय जो रखरखाव के अभाव में जीर्ण-शीर्ण हो चुके हैं। ऐसी कीमती जमीन पर भू-माफियाओं की नजर लग गई। बाजारों में ऐसी कीमती जमीन को कब्जा करने की होड़ मची है।

मालीपुर बैंक ऑफ बड़ौदा के निकट मुख्य मार्ग पर फै•ाबाद सहकारी समिति लिमिटेड ने किसानों के सहूलियत के लिए 14 सितंबर 1965 में तत्कालीन सहायक गन्ना आयुक्त भानु प्रताप ¨सह के संरक्षण और तत्कालीन जिलाधिकारी एसपी अरेन के निर्देश में खाद बीज का गोदाम बनाया था। लंबे अर्से तक इस गन्ना केंद्र में जहां रौनक रहती थी, वही किसानों को आसानी से खाद व बीज मिल जाती थी। समय बदला, सरकार की योजनाएं बदली लिहाजा यह गोदाम समय के साथ ही निष्प्रयोज्य हो गया। ग्राम प्रधान से लेकर राजस्व विभाग और गन्ना विभाग के अधिकारी इस कीमती भवन और जमीन को भूल गए। ग्राम पंचायत और विभाग के उपेक्षा के चलते रखरखाव के अभाव में यह भवन जीर्ण-शीर्ण हो गया। अब इस बेशकीमती जमीन को कब्जा करने के लिए भूमाफिया अलग-अलग तरीके से अपना दाव पेंच खेलने में लगे। कई बार लोगों ने इनके कब्जे का प्रयास विफल कर दिया। इसके बावजूद भी इस गोदाम के अधिकांश हिस्से पर लोगों ने अतिक्रमण कर आलीशान घर बनवा लिया है। अब बचे हुए भवन में कमरे का दीवार भवन के अंदर तोड़ कब्जा जमा लिया है। अन्य भवन के छत पर बने कमरे को कब्जा कर रहा है तो कोई भवन के कमरे को ही अपना आशियाना बना लिया है।

इस बाबत गांव निवासी डीपी ¨सह पुत्र इंद्रपाल ¨सह ने कई बार शिकायत भी की, लेकिन शिकायत व जांच भी भूमाफियाओं के हौसले पस्त नहीं कर सकी। तहसीलदार योगेंद्र कुमार यादव ने कहा कि लेखपाल को आदेशित कर दिया गया है। अवैध कब्जेदारों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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