मुकेश ने कायम की देश-विदेश में अपनी पहचान

विद्युतनगर (अंबेडकरनगर) : किसी ने सही ही कहा है, कला परिस्थितियों की मोहताज नहीं होत

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jan 2018 10:33 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jan 2018 10:33 PM (IST)
मुकेश ने कायम की देश-विदेश में अपनी पहचान
मुकेश ने कायम की देश-विदेश में अपनी पहचान

विद्युतनगर (अंबेडकरनगर) :

किसी ने सही ही कहा है, कला परिस्थितियों की मोहताज नहीं होती। सच्ची लगन से की गई साधना हुनर को मुकाम तक पहुंचाने के लिए काफी है। इसे सच कर दिखाया है मुकेश प्रजापति 'मधुर' ने। अपने हुनर के दम पर प्रदेश ही नहीं समूचे देश में अपनी पहचान कायम की है। इस हुनरमंद ने ओजस्वी कवि, चित्रकार व बांसुरी वादक के रूप में खुद को साबित किया है।

हंसवर के कटोखर गांव में 1988 में मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे मुकेश प्रजापति मधुर के पिता जगत नारायण प्रजापति सेवानिवृत्त अध्यापक व मां देवराजी देवी गृहणी हैं। पिता के चित्रकला, संगीत व साहित्य से लगाव होने के कारण बचपन में ही घर में ऐसा माहौल मिला कि मुकेश का झुकाव चित्रकला व साहित्य के साथ ही बांसुरी की तरफ बढ़ने लगा। पिता के सानिध्य में मुकेश ने चित्रकला (पेंटिंग) सीखा और समय के साथ एक निपुण चित्रकार के रूप में अपनी पहचान बनायी। आठ वर्ष की उम्र से बांसुरी वादन कर रहे मुकेश ने बचपन में जो सपना संजोया था, वह जवानी की दहलीज पर कदम रखने के साथ पूरे होते दिख रहे हैं। हंसवर के रांगेय राघव इंटर कॉलेज से इंटर व टांडा के टीएनपीजी डिग्री कॉलेज से स्नातक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद प्रसिद्ध कवि पं. आर्य हरीश कौशलपुरी के सानिध्य में काव्य लेखन सीखा। इसके उपरांत लखनऊ में भारत के सुप्रसिद्ध संगीतकार व बांसुरी वादक पं. रविराज शंकर के सानिध्य में शास्त्रीय संगीत, बासुरी वादन की शिक्षा ग्रहण करना प्रारंभ किया। देश के कोने-कोने में ही नहीं वरन विदेशों में भी बांसुरी वादन कर अपने हुनर का जलवा बिखेरने वाले मुकेश ने देश-विदेश तक अपनी पहचान कायम कर ली है। गत दिनों वाराणसी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान भोजपुरी फिल्म कलाकार, गायक, सांसद मनोज तिवारी ने भी उनके बांसुरी वादन की सराहना की।

सम्मानों की लंबी फेहरिस्त: प्रतिभाओं के धनी मुकेश को नई दिल्ली में इंडिया एक्सीलेंट अवार्ड, वाराणसी में बांसुरी वादन सम्मान, बस्ती में राष्ट्रीय साहित्य गौरव सम्मान, अंतर्राष्ट्रीय कलाकार मैत्री सम्मेलन अयोध्या में युवा प्रतिभा सम्मान, अखिल भारतीय भोजपुरी महोत्सव सम्मान, मध्य प्रदेश में बुंदेलखण्ड बासुरी वादन सम्मान, अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल माताप्रसाद द्वारा अंबेडकरनगर गौरव सम्मान, लखनऊ महोत्सव सम्मान, संगीत नाटक अकादमी उत्तर प्रदेश सम्मान, लखीमपुर खीरी में काव्य रंगोली समाज भूषण सम्मान, जालौन के उरई में मातेश्वरी काव्य सम्मान समेत कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है।

आज मिलेगा यूपी रत्न सम्मान: जिले के प्रसिद्ध युवा कवि, चित्रकार व बांसुरी वादक मुकेश प्रजापति मधुर को आगामी सात जनवरी को लखनऊ में यूपी रत्न सम्मान से अलंकृत किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें लखनऊ के निशातगंज में राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में 24 दिसंबर से चल रहे यूपी महोत्सव के समापन के दौरान सात जनवरी को आयोजित सम्मान समारोह के दौरान दिया जाएगा।

माता-पिता की प्रेरणा और गुरुजनों का स्नेह व आशीर्वाद रहा कि मैं इस मुकाम तक पहुंच सका। मुझे बचपन से ही प्रकृति से प्रेम था। इसके चलते प्राकृतिक सौंदर्य और प्राकृतिक परिवर्तनों से मेरे अंदर इन कलाओं के प्रति रुचि जागृति हुई। क्योंकि प्राकृतिक सौंदर्य में ईश्वर का साक्षात्कार होता है, कला व संगीत, साहित्य के लिए प्रकृति प्रेरित कर नई उर्जा का संचार करती है। कहा कि इन कलाओं के प्रति रुचि बढ़ी तो इसे अपने जीवन का लक्ष्य बनाया, और कड़ी मेहनत व साधना का नतीजा रहा कि मुझे इसमें सफलता मिली।

मुकेश प्रजापति 'मधुर'

युवा कवि, चित्रकार व बांसुरी वादक

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