यूपीपीएससी की भर्तियांः सीबीआइ की फाइलों में कैद नौ हजार से ज्यादा शिकायतें

दो-चार-छह नहीं बल्कि नौ हजार से अधिक शिकायती पत्र CBI जांच अधिकारियों की फाइलों में कैद होकर रह गए हैं और पूरे 365 दिनों बाद नतीजा शून्य है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Thu, 31 Jan 2019 06:47 PM (IST) Updated:Thu, 31 Jan 2019 07:38 PM (IST)
यूपीपीएससी की भर्तियांः सीबीआइ की फाइलों में कैद नौ हजार से ज्यादा शिकायतें
यूपीपीएससी की भर्तियांः सीबीआइ की फाइलों में कैद नौ हजार से ज्यादा शिकायतें

प्रयागराज, जेएनएन। पुलिस थानों में सुनवाई नहीं होने की बात तो आपने खूब सुनी होगी लेकिन, देश की सबसे विश्वसनीय जांच एजेंसी यानी सीबीआइ से क्या उम्मीद करते हैं। वह भी तब जब शिकायतें खुद ही मांगी और पंजीकृत की गई हों। तो जान लीजिए कि सीबीआइ भी दगा दे गई है। दो-चार-छह नहीं बल्कि नौ हजार से अधिक शिकायती पत्र जांच अधिकारियों की फाइलों में कैद होकर रह गए हैं और पूरे 365 दिनों बाद नतीजा शून्य है। अभ्यर्थियों का दावा मानें तो अब सीबीआइ से शिकायतें वापस लेने के आवेदन शुरू हो चुके हैं। तमाम अभ्यर्थियों ने पत्र भेजकर कहा है कि वे अपनी शिकायतें वापस लेना चाहते हैं, उन्हें जांच में अब कोई रुचि नहीं है। 

हर शिकायत की जांच का वादा था

उप्र लोकसेवा आयोग यानी यूपीपीएससी से पांच साल में हुई सभी भर्तियों की जांच 31 जनवरी 2018 को शुरू हुई थी। गुरुवार को इसे एक साल पूरे हो गए। तत्कालीन जांच टीम प्रभारी राजीव रंजन ने प्रयागराज में शिकायत सेल का ही गठन कर भर्तियों में गड़बड़ी और अर्हता होने के बावजूद चयन से वंचित होने की दशा में अभ्यर्थियों से शिकायतें दर्ज कराने को कहा था। अपने छिने हुए अधिकार वापस मिलने की आस में अधिकांश जिलों से अभ्यर्थियों ने आकर शिकायतें दर्ज कराई थीं। उनके क्रमांक भी सीबीआइ ने आवंटित किए व हर एक शिकायत पर जांच करने का वादा किया। 

अब तक इंसाफ तो नहीं मिला

अहम पदों पर भर्तियों में गड़बड़ी किस कदर हुई इसका अंदाजा सीबीआइ को शिकायती पत्रों की संख्या ही देख लग गया था। ऑनलाइन और ऑफलाइन नौ हजार से अधिक शिकायतें दर्ज हो गईं। किसी में त्रिस्तरीय आरक्षण को विधि विरुद्ध, किसी में कटऑफ अंक के दायरे में रहते हुए भी चयन न होने और किसी में प्राप्तांकों में काटछांट की शिकायतें हुईं। किसी को अब तक इंसाफ तो नहीं मिला, बल्कि सभी शिकायतें कैंप कार्यालय और मुख्यालय में गर्द फांक रही हैं।

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