अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन को ऊर्जा देगी सिंहल की जन्मभूमि

विहिप ने 25 नवंबर को अयोध्या में जिस धर्मसभा का आयोजन किया है, उसमें संघ के सभी अनुषांगिक संगठनों ने ताकत झोंक दी है।

By Edited By: Publish:Thu, 15 Nov 2018 06:15 PM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 06:15 PM (IST)
अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन को ऊर्जा देगी सिंहल की जन्मभूमि
अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन को ऊर्जा देगी सिंहल की जन्मभूमि
प्रयागराज : जीते जी अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए जो संघर्ष विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंहल ने किया था, उसी की परिणति है कि देश के कोने-कोने से अयोध्या में मंदिर निर्माण की हुंकार भरी जा रही है। अब भले ही अशोक सिंहल नहीं हैं, लेकिन उनकी जन्म और कर्मभूमि प्रयागराज फिर इस आंदोलन को ऊर्जा देगी। इसके लिए संघ परिवार और संतों ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
 विहिप ने 25 नवंबर को अयोध्या में जिस धर्मसभा का आयोजन किया है, उसमें संघ के सभी अनुषांगिक संगठनों ने ताकत झोंक दी है। तीन नवंबर को दिल्ली में हुए संतों के सम्मेलन में अयोध्या में राममंदिर निर्माण का धर्मादेश जारी होने की तपिश प्रयागराज में भी महसूस की जा रही है। संघ परिवार ने अयोध्या में प्रस्तावित धर्मसभा के लिए मंडल स्तर पर बैठक शुरू कर दी है।
 संघ के नेता हालांकि अभी किसी रणनीति की चर्चा नहीं कर रहे हैं, लेकिन सूत्रों के अनुसार सभी सक्रिय और पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं को क्षेत्रवार जिम्मेदारियां सौंप दी गई हैं। यह लोग अपने-अपने क्षेत्र में जाकर अयोध्या में मंदिर निर्माण की जरूरत पर बल देंगे। साथ ही इस पर सहमत कर अयोध्या चलने की तैयारी करेंगे। यही नहीं, यह कार्यकर्ता हिंदू जनमानस को इस बात के लिए तैयार करेंगे कि अभी नहीं तो कभी नहीं। अगर इस दौर में मंदिर का निर्माण नहीं संभव हो पाया तो आगे यह काम बेहद मुश्किल हो जाएगा। विश्व हिंदू परिषद के महानगर मीडिया प्रभारी ने बताया कि प्रयागराज जनपद से दस हजार से अधिक लोग अयोध्या पहुंचेंगे।

जयंती पर होगी विशेष चर्चा :
17 नवंबर को अशोक सिंहल की जयंती केसर भवन में मनाई जाएगी। अशोक सिंहल स्मृति न्यास की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में फिलहाल किसी बड़े नेता के आने की बात नहीं कही जा रही है, लेकिन माना जा रहा है कि कुछ राष्ट्रीय नेता पहुंचेंगे, जो मंदिर मुद्दे पर होने वाले आंदोलन पर भी मंत्रणा करेंगे।

संत समिति संतों से कर रही संपर्क :
अनुषांगिक संगठनों के जरिए संघ जहां जनमत तैयार कर रहा है, वहीं अखिल भारतीय संत समिति संतों से संपर्क कर रही है। विहिप नेता खुद भी संतों से संपर्क कर रहे हैं। प्रयागराज से कई बड़े संत अयोध्या जाने की तैयारी में हैं। हालांकि सारी रणनीति गोपनीय रखी गई है।
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