तीन साल में हुई सामूहिक हत्याकांड की छह में से तीन सोरांव में हुई वारदात Prayagraj News

युसूफपुर गांव में पांच लोगों की हत्या ने एक बार ग्रामीणों को दहशत में ला दिया है। इस वारदात को शामिल कर लिया जाए तो प्रयागराज में तीन वर्ष में छह सामूहिक हत्‍याकांड हो चुके हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 06 Jan 2020 12:27 PM (IST) Updated:Mon, 06 Jan 2020 12:27 PM (IST)
तीन साल में हुई सामूहिक हत्याकांड की छह में से तीन सोरांव में हुई वारदात Prayagraj News
तीन साल में हुई सामूहिक हत्याकांड की छह में से तीन सोरांव में हुई वारदात Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज जनपद में सामूहिक हत्याकांड की पिछले तीन वर्ष में छह वारदात हुई। इनमें से तीन वारदात सोरांव सर्किल में हुई। वहीं दो नवाबगंज और एक थरवई में हुई है। नवाबगंज व थरवई के मामले में पुलिस ने पड़ोस के ही कुछ लोगों को जेल भेज दिया था लेकिन बाद में हत्या के सही आरोपित पकड़े गए तो उसमें पुलिस की जमकर किरकिरी हुई थी। कुछ मामलों में पुलिस के राजफाश पर ग्रामीणों ने अंगुली उठाई थी। रविवार को युसूफपुर गांव में पांच लोगों की हत्या ने एक बार ग्रामीणों को दहशत में ला दिया है।

23 अप्रैल 2017 में नवाबगंज के शहाबपुर गांव में हुई थी वारदात

23 अप्रैल 2017 में नवाबगंज के शहाबपुर गांव में मक्खन गुप्ता, उनकी पत्नी मीरा देवी, बेटी वंदना व निशा व दो बेटियों की सामूहिक हत्या हुई थी। हत्याकांड ने तूल पकड़ा तो मौके पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पहुंच गए थे। पुलिस ने गांव के पांच लोगों को जेल भेज दिया था। बाद में जांच हुई तो वह पांचों निर्दोष निकले और तीन अन्य आरोपित  पुलिस की पकड़ में आ गए। घटना में पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी।

19 मार्च 2018 को नवाबगंज शहाबपुर उर्फ पसियापुर गांव में हत्याकांड

19 मार्च 2018 को नवाबगंज शहाबपुर उर्फ पसियापुर गांव में सुशीला देवी पत्नी अशर्फी लाल व उसके दो बेटे सुनील व अनिल की हत्या कर दी गई थी। हत्या में पुलिस ने उसके मामा को ही आरोपित बनाकर जेल भेज दिया। इसी प्रकार सोरांव के बडगांव में अपना दल की महिला नेता संतोषी वर्मा व उसके पति की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने लगभग एक माह तक पूछताछ के बाद उसके घर आने जाने वाले एक मास्टर को आरोपित बनाकर जेल भेज दिया था।

7 सितंबर 2018 को सोरांव के बिगहियां में वारदात से दहशत फैली थी

7 सितंबर 2018 को सोरांव के बिगहियां गांव में सरकारी कर्मचारी कमलेश देवी, उसकी बेटी ङ्क्षरकी व दामाद प्रताप नरायण के साथ उसके नाती विराट की दर्दनाक हत्या कर दी गई थी। मामले में पुलिस करीब एक माह तक परेशान रही और अन्त में पट्टीदार समेत उसके दामाद को हत्यारोपित बनाकर जेल भेज दिया। मामले को लेकर पुलिस के ऊपर सवालिया निशान लगाए गए थे।

7 जून को सोरांव के सरायलाल खातून उर्फ शिवगढ़ गांव में दो की हत्या

7 जून को सोरांव के सरायलाल खातून उर्फ शिवगढ़ गांव में एक ही परिवार के दो सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। छत पर सो रहे नागेंद्र भूषण व उसकी पत्नी मनोरमा को हत्यारों ने सिर कूचकर मार डाला था। पास में ही सो रहे सात वर्षीय बेटे व एक दूधमुंहे बच्चे को जीवित छोड़ दिया गया था। मामले की छानबीन कर रही पुलिस ने अगले दिन उसी मकान में चोरी करने आए युवकों को पकड़ लिया और हत्या का राजफाश करते हुए जेल भेज दिया। घटना के खुलासे को लेकर जनप्रतिनिधियों समेत ग्रामीणों ने आपत्ति जताई लेकिन पुलिस ने सभी को जेल भेजकर मुख्य आरोपित श्यामू पासी को फरार बता दिया था।

थरवई में एक ही परिवार के तीन लोगों को जान से मार दिया गया था

इसी प्रकार थरवई थाना क्षेत्र में भी एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी। इसमें पुलिस ने एक युवक को जेल भेजा था। बाद में जांच के दौरान आरोपित दूसरा निकला। मामले में पुलिस की फजीहत हुई थी।

अब सोरांव के यूसुफपुर में सामूहिक हत्‍या की वारदात

अब शनिवार की रात में सोरांव के यूसुफपुर गांव में सामूहिक हत्‍याकांड हुआ। इस वारदात में विजय शंकर तिवारी, सोनू तिवारी उसकी पत्नी सोनी तिवारी व बेटे कान्हा व कुंज को मौत के घाट उतार दिया गया है।

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