फिरौती और मुठभेड़ : संजय को जल्द अमीर बनने की थी ख्वाहिश

अपहर्ता संजय एनकाउंटर में मारा गया और बालक रणवीर को पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया। संजय को रातोंरात अमीर बनने की ख्वाहिस थी। अब उसके घर पर ताला लटका है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 22 May 2019 11:27 AM (IST) Updated:Wed, 22 May 2019 12:00 PM (IST)
फिरौती और मुठभेड़ : संजय को जल्द अमीर बनने की थी ख्वाहिश
फिरौती और मुठभेड़ : संजय को जल्द अमीर बनने की थी ख्वाहिश

प्रयागराज, जेएनएन। मासूम बच्चे का अपहरण कर तीन करोड़ रुपये की फिरौती मांगने वाले संजय यादव की गतिविधियां संदिग्ध थीं। वह जल्द अमीर बनने की चाहत रखता था। गांव वालों से कुछ ऐसी ही बातें किया करता था। झूंसी के कटका बुढ़वा बाबा गांव में स्थित संजय के घर में ताला लटका है। संजय मारा गया यह जानकारी भी पड़ोसियों को देर रात हो सकी।

 संजय के पिता भी हैं कार चालक

दयाराम यादव के तीन बेटों में सबसे बड़ा संजय (27) पहले किसी और ठेकेदार की कार चलाता था। वह ठेकेदारी करने के लिए भी उतावला था। संजय का छोटा भाई धनंजय (25) टाइल्स लगाने का काम करता है। तीसरा भाई 12 साल का छोटू फिलहाल कोई काम नहीं करता है। पिता दयाराम भी कार चालक हैं। पड़ोसियों का कहना है कि संजय कई बार विवाद में फंसकर थाने गया है। हालांकि पुलिस यह नहीं बता सकी कि उसका आपराधिक रिकार्ड क्या है। संजय की मौत की खबर सुन गांव के लोग सन्न रह गए। गांव के युवकों का कहना है कि संजय सजधज कर रहता था। उसका ज्यादातर वक्त शहर में ही गुजरता था।

पुलिस टीम को 50 हजार रुपये का इनाम

अपहरण के कुछ घंटे के भीतर ही अपहर्ता तक पहुंचने, घेराबंदी कर मुठभेड़ करने और बच्चे को सकुशल वापस लाने पर पुलिस टीम को 50 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की गई है। आइजी मोहित अग्रवाल ने टीम को 50 हजार रुपये के साथ प्रशस्ति पत्र और मुख्यमंत्री से अवार्ड दिलाने के लिए नामित करने की घोषणा की है। आइजी के मुताबिक, टीम ने जान पर खेल बच्चे को बचाया है।

कैसे हुआ अपहरण और फिर एनकाउंटर 

सेंट जोसेफ कालेज में कक्षा एक में पढऩे वाले छह साल के रणवीर सिंह को मंगलवार की शाम अगवा कर लिया गया। ठेकेदार अभिषेक सिंह का बेटा बीएचएस के बगल जिमनास्टिक सीखने आया था। शाम सवा छह बजे ठेकेदार का पुराना ड्राइवर संजय यादव उसे कार से अगवा कर ले गया। तीन करोड़ फिरौती मांगने वाले अपहर्ता के पीछे लगी पुलिस टीमों ने उसे भदोही के सुरियावां में घेर लिया। अपहर्ता कार से फायरिंग करने लगा, जवाबी कार्रवाई में बदमाश के सिर में गोली लगी, जिससे उसकी मौत हो गई। अपहर्ता को पुलिस की गोली लगी या फिर उसने खुद को शूट किया, यह साफ नहीं है। फिलहाल बच्चा सकुशल बरामद कर लिया गया है।

रणवीर जिमनास्टिक सीखने रोज आता था

 जार्जटाउन थाना क्षेत्र के अल्लापुर निवासी अभिषेक सिंह उर्फ पंकज प्रयागराज विकास प्राधिकरण में ठेकेदार हैं। उनका बेटा रणवीर सिंह रोज ब्वायज हाईस्कूल के बगल जिमनास्ट हॉल में जिमनास्टिक सीखने आता है। मंगलवार को शाम पांच बजे ठेकेदार का ड्राइवर वीरेंद्र बच्चे को कार से छोड़कर चला गया। सवा छह बजे कटका, झूंसी का संजय यादव जिमनास्ट हॉल पहुंचा। वह ठेकेदार के घर कई साल ड्राइवर रहा है। तीन महीना पहले उसे निकाल दिया गया था। संजय ने कोच अभिलाष प्रजापति से रणवीर के बर्थडे की बात बताकर उसे ले गया। फिर बच्चे के पिता के मोबाइल पर कॉल कर बताया गया कि रणवीर को अगवा किया गया है। तीन करोड़ रुपये का इंतजाम करो। बच्चे की आवाज भी सुनाई गई।

 टायर में मारी गोली तो रिम में ढाई किमी दौड़ाई कार
उसे महसूस हो गया था कि वह घिर चुका है पुलिस से। पकड़ा गया तो मार दिया जाएगा। इसलिए वह ऐसे भाग रहा था, मानो मौत उसके पीछे हाथ धोकर पड़ी है। बच्चा भी सहम गया था, लेकिन वह उसे कुरकुरे देकर खामोश रहने के लिए कह रहा था। वास्तव में अपहरणकर्ता संजय यादव बहुत निष्ठुर था। भदोही-प्रयागराज सीमा पर बसवापुर के पास तेज रफ्तार में भाग रही आल्टो कार पर जब पुलिस ने गोली मारी तो भी वह पुलिस को चकमा देकर भागता रहा। टायर पंचर हो गया था, इसके बाद भी वह गाड़ी चलता रहा। करीब ढाई किलोमीटर तक उसने मसेथू गांव तक रिम में ही कार दौड़ा दी। हड़बड़ाहट में वह भागता रहा, जब उसे लगा कि वह अब नहीं भाग पाएगा तो उसने खुद को शूट करने का निर्णय लिया। 32 बोर की पिस्टल से उसने खुद को गोली मार ली और वहीं गिर पड़ा। 

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