भ्रष्टाचार के 'दलदल' में फंसी पेंशन...उच्च शिक्षा निदेशालय का चक्कर काट रहे सेवानिवृत्त शिक्षक

30 जून को डॉ. मीना वर्मा डॉ. अर्चना श्रीवास्तव डॉ. आरके त्रिपाठी सहित प्रदेशभर में सैकड़ों शिक्षक सेवानिवृत्त हुए हैं। इसमें से किसी को पेंशन नहीं मिल रही है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 04 Sep 2019 10:34 AM (IST) Updated:Wed, 04 Sep 2019 10:34 AM (IST)
भ्रष्टाचार के 'दलदल' में फंसी पेंशन...उच्च शिक्षा निदेशालय का चक्कर काट रहे सेवानिवृत्त शिक्षक
भ्रष्टाचार के 'दलदल' में फंसी पेंशन...उच्च शिक्षा निदेशालय का चक्कर काट रहे सेवानिवृत्त शिक्षक

प्रयागराज [शरद द्विवेदी]। शिक्षक जीवनभर छात्रों को सच्चाई, अच्छाई के मार्ग पर चलकर भ्रष्टाचार से लड़ने की सीख देते हैं। सेवानिवृत्त होने के बाद वही शिक्षक अपने ही विभाग के भ्रष्टाचार का शिकार हैं। खुद का पैसा लेने के लिए वह दर-दर भटकने को मजबूर हैं। उच्च शिक्षा निदेशालय के अधिकारी व कर्मचारियों की मनमानी से उन्हें न पेंशन मिल रही है, न ही जीपीएफ का पैसा। डॉ. विभा चतुर्वेदी का मामला भी कुछ ऐसा ही है। गुलाब देवी महिला महाविद्यालय बलिया से 30 जून 2018 को सेवानिवृत्त हुईं डॉ. विभा की पेंशन की फाइल अभी तक लटकी है। 

30 जून को डॉ. मीना वर्मा, डॉ. अर्चना श्रीवास्तव, डॉ. आरके त्रिपाठी सहित प्रदेशभर में सैकड़ों शिक्षक सेवानिवृत्त हुए हैं। इसमें से किसी को पेंशन नहीं मिल रही है। नियमत: सेवानिवृत्त के छह माह पहले पेंशन व जीपीएफ का काम पूरा हो जाना चाहिए, लेकिन उच्च शिक्षा विभाग में उसके विपरीत काम चल रहा है। यहां जिसने पैसा दिया उसकी फाइल निस्तारित हो गई, जिसने नहीं दिया और नियम-कानून की बात की उसकी फाइल में कमी निकालकर दौड़ाया जाता है। निदेशक का निर्देश भी अधिकारी व बाबू हवा में उड़ा देते हैं। निदेशक का निर्देश है कि एक सप्ताह के अंदर हर फाइल निस्तारित कर दी जाए, लेकिन निदेशालय में फाइलों का गट्ठर लगा है।

जैसी फाइल वैसा दाम

उच्च शिक्षा निदेशालय व उसके क्षेत्रीय कार्यालयों में पेंशन व जीपीएफ की फाइल का दाम तय है। पेंशन के लिए पांच हजार व जीपीएफ की फाइल निस्तारित करने के लिए आठ से 10 हजार रुपये देने पड़ते हैं।

दलालों का है लंबा रैकेट

उच्च शिक्षा निदेशालय में दलालों का लंबा रैकेट है। हर जिला में यहां के दलाल सक्रिय हैं। इनके पास हर कॉलेज व उसमें कार्यरत शिक्षकों, कर्मचारियों का ब्योरा होता है। जो उनसे संपर्क करके निदेशालय तक लाते हैं। दलाल के जरिए आने पर हर काम जल्द निस्तारित हो जाता है।

बिना पैसा दिए काम कराना असंभव

उच्च शिक्षा निदेशालय में बिना पैसा दिए काम कराना असंभव है। दलाल के जरिए जाने पर महीनों का काम चंद दिनों में हो जाता है। मैं खुद 30 जून को सेवानिवृत्त हुआ हूं, लेकिन अभी तक न जीपीएफ का पैसा मिला, न पेंशन मिल रही है।

-डॉ. श्रीरंगनाथ मिश्र, महामंत्री महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक एसोसिएशन 

पैसा मांगा जाए सीधे मुझसे मिलें

पेंशन की फाइलों का प्रतिदिन निस्तारण किया जा रहा है। रही बात पैसा मांगने की तो ऐसी शिकायत मुझे नहीं मिली है। अगर किसी से पैसा मांगा जाए वह सीधे मुझसे मिलें। मैं उनका काम कराकर पैसा मांगने वाले कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करूंगी।

-डॉ. वंदना शर्मा, निदेशक उच्च शिक्षा

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