Rajju Bhaiya State University: आप भी जानें, मंडल के नए महाविद्यालयों में शिक्षकों और प्राचार्यों की भर्ती जल्द होगी
Rajju Bhaiya State University रजिस्ट्रार के मुताबिक संबद्ध महाविद्यालयों और नए महाविद्यालयों द्वारा स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम के पठन-पाठन के लिए शिक्षकों और प्राचार्यों की भर्ती की जानी है। इसके लिए विज्ञापन जारी करने का भी आदेश दिया गया है। वेतनमान यूजीसी और राज्य सरकार के नियमों के अनुसार होगा।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय का दायरा जल्द बढऩे के साथ भर्ती का भी रास्ता साफ हो गया है। शैक्षणिक सत्र 2020-21 में मंडल में नए कॉलेजों को संबद्धता मिलेगी। साथ ही पहले से संबद्ध कॉलेजों को नए पाठ्यक्रम के संचालन की भी मंजूरी दी जाएगी। इसके लिए 15 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। तो इसके साथ महाविद्यालयों में शिक्षकों और प्राचार्यों की भर्ती की जाएगी।
जल्द जारी होगा विज्ञापन
रजिस्ट्रार शेषनाथ पांडेय की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक संबद्ध महाविद्यालयों और नए महाविद्यालयों द्वारा स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम के पठन-पाठन के लिए शिक्षकों और प्राचार्यों की भर्ती की जानी है। इसके लिए विज्ञापन जारी करने का भी आदेश दिया गया है। शिक्षकों का वेतनमान यूजीसी और राज्य सरकार के नियमों के अनुसार देना होगा।
वर्तमान में हैं 636 महाविद्यालय
वर्तमान में मंडल के चारों जिलों (प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़) में राज्य विवि से संबद्ध 636 महाविद्यालय हैं। इसमें प्रयागराज जिले में मुख्य परिसर समेत 329 महाविद्यालय हैं। इनमें चार वित्त पोषित, बाकी स्व वित्त पोषित मोड में संचालित हैं। कौशांबी में 74 में एक सरकारी, एक वित्तपोषित, बाकी स्ववित्तपोषित हैं। फतेहपुर में 73 में तीन सरकारी, दो वित्त पोषित, बाकी स्व वित्त पोषित हैं। जबकि, प्रतापगढ़ में 160 में चार सरकारी, सात वित्त पोषित, बाकी स्व वित्त पोषित हैं।
15 जनवरी तक करना होगा आवेदन
नए कॉलेज खोलने और पुराने कॉलेजों में नए पाठ्यक्रम के संचालन के लिए ऑनलाइन आवेदन के बाद उसका प्रिंट आउट व अन्य दस्तावेज विश्वविद्यालय के डाक परिसर को उपलब्ध कराने होंगे। इसके बाद कुलपति की अध्यक्षता में गठित कमेटी निरीक्षण कर मंजूरी देगी। नए कॉलेज खुलने से विश्वविद्यालय की आर्थिक स्थिति में सुधार होने के साथ शिक्षा को ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ावा भी मिल सकेगा।