इलाहाबाद का समग्र विकास था राजीव का ख्वाब

देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि 21 मई को है। ऐसे में कांग्रेसियों में उनकी छवि और कार्यो को याद किया जाएगा। राजीव गांधी का इलाहाबाद के समग्र विकास का ख्वाब था।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 May 2018 08:03 AM (IST) Updated:Mon, 21 May 2018 08:03 AM (IST)
इलाहाबाद का समग्र विकास था राजीव का ख्वाब
इलाहाबाद का समग्र विकास था राजीव का ख्वाब

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद :

21 मई। इस बार यह तारीख पड़ रही है सोमवार को। इस दिन देश जब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि मना रहा होगा, तब इलाहाबाद के तमाम कांग्रेसियों के जेहन में पुरानी स्मृतियां ताजा होंगी। खास तौर पर 18 मई 1991 को हुई उनकी सभाएं। दुखद निधन से दो दिन पहले हुई इन सभाओं में उनके चेहरे पर प्रसन्नता के भाव थे। कार्यकर्ताओं से वह ऐसे मिले थे कि हर कोई उनका मुरीद हो गया था।

राजीव गांधी का इलाहाबाद से पारिवारिक रिश्ता भी था। सियासी तो था ही। मां इंदिरा गांधी, नाना जवाहरलाल नेहरू आखिर इसी माटी से जो जुड़े थे। इसलिए इलाहाबाद के समग्र विकास की चिंता उनकी बातचीत में झलकती थी। तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में लिंट्टे आतंकियों का निशाना बनने से दो दिन पहले वह इलाहाबाद आए थे। लोकसभा चुनाव के सिलसिले में। यहां 18 मई 1991 को इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी अनिल शास्त्री और चायल संसदीय क्षेत्र से पार्टी उम्मीदवार राम निहोर राकेश के पक्ष में चुनावी सभाएं हुई थीं उनकी। भरवारी (अब कौशांबी) में आयोजित सभा में करीब एक घंटा विलंब हो गया था। इस परउन्होंने जनता से माफी मांगी थी। बकौल राम निहोर राकेश, राजीव की विनम्रता थी ही ऐसी कि हर कोई कायल हो जाता था उनका। इस कांग्रेस नेता ने जानकारी दी कि प्रख्यात तपस्वी सुधा माता ने उन्हें (राजीव गांधी को) दक्षिण दिशा में जाने से रोका था, लेकिन माने नहीं थे वह। वरिष्ठ कांग्रेसी जावेद उर्फी के मुताबिक राजीव गांधी युवाओं के दिलों में राज करते थे। देश में औद्योगिक क्रांति का सपना उन्होंने देखा था और वह सपना साकार भी हुआ। जिले में औद्योगिक इकाइयों के निर्माण में उनकी भूमिका अग्रणी रही। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता किशोर वाष्र्णेय भी राजीव गांधी की सादगी, मिलनसारिता को भुला नहीं सके हैं। कहते हैं कि वह कार्यकर्ताओं से ऐसे घुल मिल जाते थे कि कार्यकर्ता अपना दु:ख दर्द भूल जाता था।

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