Shri Ram Mandir Ayodhya : संगम तीरे देवरहा बाबा की भविष्यवाणी अब साकार Prayagraj News

धर्म संसद में देवरहा बाबा ने अशोक सिंहल से कहा था कि बच्चा श्रीराम जन्मभूमि में जो ढांचा है वह कायदा बन जाएगा (ध्वस्त हो जाएगा) वहां कुछ नहीं मिलेगा। मंदिर जरूर बनेगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 24 Jul 2020 05:18 PM (IST) Updated:Fri, 24 Jul 2020 05:20 PM (IST)
Shri Ram Mandir Ayodhya : संगम तीरे देवरहा बाबा की भविष्यवाणी अब साकार Prayagraj News
Shri Ram Mandir Ayodhya : संगम तीरे देवरहा बाबा की भविष्यवाणी अब साकार Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन।  श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर निर्माण की पावन बेला करीब है। सदियों की प्रतीक्षा, संघर्ष व हजारों कुर्बानियों के बाद मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होने पर सनातनी निश्चित तौर पर आह्लादित हैं। श्रीराम मंदिर की भव्यता के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट विशेष तैयारी कर रहा है, पर बहुत कम लोग जानते हैं कि श्रीराम जन्मभूमि में उनके भव्य मंदिर की भविष्यवाणी करीब 31 साल पहले प्रयागराज में संगम तीरे सिद्ध संत देवरहा बाबा ने की थी। मौका था विश्व हिंदू परिषद की 'धर्म संसद' का। देवरहा बाबा का आशीर्वाद मिलने के बाद विहिप ने मंदिर के लिए देशव्यापी आंदोलन शुरू कर दिया। शिला पूजन जैसे कार्यक्रमों के जरिए हिंदू समुदाय तन, मन व धन से श्रीराम मंदिर आंदोलन से जुड़ता गया।

प्रयागराज कुंभ 1989 में विश्‍व हिंदू परिषद ने किया था धर्म संसद का आयोजन

प्रयागराज कुंभ 1989 में विश्व हिंदू परिषद ने 'धर्म संसद' आयोजन किया था। इसका प्रमुख मुद्दा श्रीराम जन्मभूमि में मंदिर निर्माण, गोरक्षा, गंगा की निर्मलता था। देवरहा बाबा, श्रीराम जन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष रहे परमहंस रामचंद्र दास, गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ, स्वामी वामदेव, महंत नृत्यगोपाल दास, जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, विहिप नेता अशोक सिंहल, आचार्य गिरिराज किशोर, ठाकुर गुर्जन सिंह इसमें मुख्य रूप से शामिल हुए थे। करीब पांच हजार संत-महात्माओं ने धर्मसंसद में हिस्सा लिया था। मंच पर पहली बार चंदन की लकड़ी से बनाए गए श्रीराम मंदिर का भव्य मॉडल रखा गया। मॉडल को देवरहा बाबा सहित हर संत ने स्वीकृति प्रदान की।

 'बच्चा ढांचा बन जाएगा कायदा'

धर्म संसद में देवरहा बाबा ने अशोक सिंहल से कहा था कि 'बच्चा श्रीराम जन्मभूमि में जो ढांचा है, वह कायदा  बन जाएगा (ध्वस्त हो जाएगा), वहां कुछ नहीं मिलेगा। मंदिर जरूर बनेगा। कानून से मंदिर बनेगा।

देशभर में बंटा पोस्टर

धर्म संसद से मंदिर मॉडल को स्वीकृति मिलने के बाद विहिप ने आंदोलन से ङ्क्षहदुओं को भावनात्मक रूप से जोडऩे की मुहिम चलाई। मंदिर के मॉडल का पोस्टर छपवा कर उसे देशभर में वितरित करवाया।

1990 में स्थापित हुई कार्यशाला

प्रयागराज में स्वीकृत मॉडल के अनुरूप पत्थर तराशने का काम सितंबर 1990 में शुरू हुआ। अयोध्या के रामघाट पर कार्यशाला बनाई गई। वहां स्वीकृत मॉडल को रखा गया। विहिप के कार्यालय कारसेवकपुरम् में 2002 में उसके अनुरूप दूसरा मॉडल बनवाकर रखा गया है। पुराने मॉडल में 106 खंभे नीचे व 106 खंभे ऊपर, सिंह द्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप बनना है। भूतल व प्रथम तल में बनना था। उसकी चौड़ाई 140 फीट, लंबाई 268 फीट पांच इंच, ऊंचाई 128 फीट थी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने इसे विस्तार दिया है। अब 360 फीट लंबाई, 235 फीट चौड़ाई, 161 फीट ऊंचा एक शिखर व पांच मंडप, दाए-बाएं कीर्तन व प्रार्थना मंडप बनाया जाएगा। तीन मंजिल के बराबर ऊंचाई होगी। गर्भगृह का फाउंडेशन 12 फीट रहेगा।  ऊपर के तल में रामदरबार बनाया जाएगा।

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