Double Murder Case : वांछित 25 हजार का इनामी गिरफ्तार, चार साल पहले नैनी में हुई थी वारदात Prayagraj News

सेंट्रल जेल नैनी के सामने पांच जून 2016 को झूंसी के शेरडीह निवासी ज्ञानचंद्र यादव और उसके चाचा लालता प्रसाद की गोली व बम मारकर दिनदहाड़े हत्या की गई थी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 21 Jun 2020 12:17 PM (IST) Updated:Sun, 21 Jun 2020 12:17 PM (IST)
Double Murder Case : वांछित 25 हजार का इनामी गिरफ्तार, चार साल पहले नैनी में हुई थी वारदात Prayagraj News
Double Murder Case : वांछित 25 हजार का इनामी गिरफ्तार, चार साल पहले नैनी में हुई थी वारदात Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। नैनी जेल के सामने हुए दोहरे हत्याकांड में वांछित 25 हजार के इनामी अभियुक्त आलोक यादव उर्फ कल्लू को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने उसके कब्जे से स्काॢपयो, अवैध पिस्टल व कारतूस बरामद किया। आरोपित कल्लू पुत्र गामा लाल यादव झूंसी थाना क्षेत्र के सोनौटी गांव का रहने वाला है। वह प्रापर्टी डीलिंग का काम करता है। मामले में वाराणसी का एक आरोपित फरार है, जिसकी तलाश चल रही है।

नैनी जेल के सामने 2016 में चाचा-भतीजा की गोली मारकर हत्या हुई थी

सेंट्रल जेल नैनी के सामने पांच जून 2016 को झूंसी के शेरडीह निवासी ज्ञानचंद्र यादव और उसके चाचा लालता प्रसाद की गोली व बम मारकर दिनदहाड़े हत्या की गई थी। फायरिंग व बमबाजी में कई लोग जख्मी भी हुए थे। घटना के बाद संतोष यादव ने नैनी थाने में शैलेंद्र यादव, जितेंद्र, नागेंद्र, चंद्रजीत, असीम, अशोक, राजकुमार, राजू, आलोक उर्फ कल्लू समेत कई अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। हत्याकांड में पुलिस पहले ही मुन्ना बजरंगी के शूटर समेत कई को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। वारदात के बाद कल्लू गिरफ्तारी से बचने के लिए जौनपुर, भदोही, वाराणसी समेत अन्य शहरों में छिपता रहा।

पुलिस टीम ने घेराबंदी कर कल्‍लू को दबोचा

कल्लू की गिरफ्तारी न होने पर उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। सर्विलांस प्रभारी व थानाध्यक्ष शाहगंज बृजेश सिंह को पता चला कि एक इनामी बदमाश स्टेशन की तरफ आने वाला है। तब उन्होंने दारोगा शेर सिंह व सिपाही विनोद सिंह, अवनीश, विजय समेत अन्य के साथ घेराबंदी की और युनाइटेड टावर के पास से कल्लू को दबोच लिया गया।

बोले थानाध्‍यक्ष शाहगंज

थानाध्यक्ष ने बताया कि कल्लू का एक भाई सेना में नायक है। इसी के चलते वह अपनी स्कार्पियों में आर्मी लिखवाकर चलता था।

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