फर्जी रवन्‍ना बनाने वाले शातिर को पुलिस ने दबोचा Prayagraj News

कंप्यूटर सेंटर में गिट्टïी बालू और सिलिका सैैंड के फर्जी रवन्ना तैयार कर बेचे जा रहे हैैं। खनन विभाग की टीम ने छापा मारा तो दुकान में एक युवक लैपटॉप से फर्जी रवन्ना बना रहा था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 20 Jan 2020 05:57 PM (IST) Updated:Mon, 20 Jan 2020 06:21 PM (IST)
फर्जी रवन्‍ना बनाने वाले शातिर को पुलिस ने दबोचा Prayagraj News
फर्जी रवन्‍ना बनाने वाले शातिर को पुलिस ने दबोचा Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन । असली रवन्ना को स्कैन कर फर्जी रवन्ना बनाने के धंधे का खुलासा करते हुए स्वाट टीम ने कंप्यूटर सेंटर से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। तीन लोग छापेमारी के दौरान फरार हो गए। पुलिस ने सेंटर से लैपटॉप, प्रिंटर, फर्जी रवन्ना और जीएसटी बिल की प्रतियां जब्त की हैं। मामले में खनन माफिया भी चिह्नित हुए हैैं। खनन विभाग इनकी रिपोर्ट तैयार कर रहा है।

कंप्‍यूटर सेंटर पर मारा छापा

यमुनापार में फर्जी रवन्ने पर रोज सैकड़ों ट्रकों से बालू, गिट्टी, पत्थर और सिलिका सैैंड का परिवहन कराया जा रहा था। इसकी शिकायत शासन तक पहुंच चुकी थी। इस मामले में उच्च स्तरीय जांच भी चल रही है। पिछले दिनों नैनी के लेप्रोशी मिशन चौराहे पर खनन विभाग ने फर्जी रवन्ना पर गिट्टी लदे दो ट्रकों को पकड़ा था। उस मामले में नैनी थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया गया था। एएसपी (आइपीएस) अनिल यादव के मुताबिक स्वाट टीम को सूचना मिली थी कि शंकरगढ़ के शिवराजपुर चौराहे पर स्थित कंप्यूटर सेंटर में गिट्टïी, बालू और सिलिका सैैंड के फर्जी रवन्ना तैयार कर बेचे जा रहे हैैं। टीम ने खनन विभाग के अफसरों  के साथ छापा मारा तो दुकान में एक युवक लैपटॉप से फर्जी रवन्ना बना रहा था। उसे पकड़ लिया गया।

लैपटॉप, प्रिंटर, मोबाइल और 13 फर्जी रवन्‍ना बरामद

कंप्यूटर सेंटर से लैपटॉप, प्रिंटर, मोबाइल, 13 फर्जी रवन्ना और नौ फर्जी जीएसटी बिल को जब्त किया गया। गिरफ्तार दिलीप विश्वकर्मा शंकरगढ़ के बेनीपुर का रहने वाला है। उसने कुबूला कि वह शिवम सिंह, विजय सिंह उर्फ प्रिंस और ज्ञान तिवारी के साथ मिलकर फर्जी रवन्ना बनाकर बेचने का काम कर रहा था। दिलीप ने बताया कि वह असली रवन्ने के पीडीएफ में अपने लैपटॉप के पेंट साफ्टवेयर के जरिए वाहन संख्या, तारीख, वजन और ड्राइवर, मालिक का नाम बदल देता है। हालांकि क्यूआर कोड में कोई बदलाव नहीं किया जाता। फिर उसका प्रिंट निकालकर ड्राइवर को दे दिया जाता है। फर्जी रवन्ना सौ से तीन सौ रुपये में बेचा जा रहा था। बिना क्यूआर कोड का मिलान किए पता नहीं चल सकता कि रवन्ना असली है या नकली। इस फर्जीवाड़ा से सरकारी राजस्व को क्षति पहुंचाई जा रही थी। इससे अवैध रूप से खनन का धंधा भी चल रहा है।

खनन निदेशक रोशन जैकब ने डीएम को दिए थे कार्रवाई को निर्देश

यमुनापार में फर्जी रवन्ना पर गिट्टी, बालू, पत्थर और सिलिका सैैंड के अवैध परिवहन को लेकर भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशक डॉ.रोशन जैकब ने डीएम भानुचंद्र गोस्वामी को कड़ी कार्रवाई कराने का निर्देश दी थीं। इसके बाद ही जिला प्रशासन, पुलिस और खनन विभाग सक्रिय हुआ। बताते हैैं कि मेजा, मांडा, कोरांव, करछना, बारा, घूरपुर और शंकरगढ़ इलाके से सैकड़ों ट्रक फर्जी रवन्ना पर चल रहे थे। इसकी शिकायत मिलने पर ही भूतत्व एवं खनिकर्म की ओर से कड़े निर्देश जारी किए गए थे।

खास बातें

06 सौ से ज्यादा ट्रकों को रोज फर्जी रवन्ना पर कराते थे परिवहन

01 साल से ज्यादा समय से चल रहा था फर्जी रवन्ना बनाने का खेल

03 सौ रुपये तक में बेचे जाते थे फर्जी रवन्ना

13 फर्जी रवन्ना पुलिस ने मौके से किया है बरामद

chat bot
आपका साथी